कोहरा: हवाई और रेल यात्रा की कब सुध ली जाएगी?
- ऋतुपर्ण दवे
आमजन की यात्रा सुविधा के नाम पर संचालित सरकारी सेवाएं बेहद गैर जिम्मेदाराना व्यवहार कर रही हैं। चाहे हवाई यात्रा हो या रेल, हर रोज करोड़ों लोग परेशान हो रहे हैं। इनमें वो भी हैं जिन्हें हर हालत में अपनी नियत तिथि पर वांछित गंतव्य पर पहुंचना होता है और वो भी जिन्हें दो कनेक्टिविटी के सहारे यात्रा पूरी करनी पड़ती है। भारत में सही समय पर यात्रा पूरी होने की न तो किसी की गारंटी है और न ही कोई इस बदहाली को चुनौती ही दे सकता है। हर रोज पूरे देश में बड़ी संख्या में हवाई और रेल सेवाएं लेटलतीफी का शिकार हो रही हैं। जिसके जवाब में प्री रिकॉर्डेड चार शब्द ‘असुविधा के लिए खेद है’ काफी हैं। इन दिनों तो घने कोहरे के चलते स्थिति और भी बदतर है।
देश में औसतन ढाई से तीन हजार फ्लाइट्स रोजाना लगभग 4,56,000 यात्रियों को मुकाम तक पहुंचाती हैं। वहीं 8 अक्टूबर 2023 का एक आंकड़ा बताता है कि रेल...