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कांग्रेस के ‘‘नादान‘‘ राहुल गांधी पाकिस्तान के समर्थन की राजनीति वहीं जाकर करें : CM डॉ यादव

कांग्रेस के ‘‘नादान‘‘ राहुल गांधी पाकिस्तान के समर्थन की राजनीति वहीं जाकर करें : CM डॉ यादव

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (Chief Minister Dr. Mohan Yadav.) ने कहा कि कांग्रेस (Congress.) के ‘‘नादान‘‘ (राहुल गांधी) पाकिस्तान के समर्थन (Support of Pakistan) से देश में राजनीति करना चाहते हैं। राहुल गांधी (Rahul Gandhi.) को भारत में राजनीति (Politics in India) करना है तो भारत के लोगों का समर्थन लें, अगर उन्हें पाकिस्तान के समर्थन से राजनीति करनी है तो वह भारत में नहीं पाकिस्तान में राजनीति करें। हरियाणा सहित देश भर के हमारे बच्चे सीमा पर पाकिस्तान के साथ अपने खून की अंतिम बूंद तक लड़ते हैं। वोट के खातिर कांग्रेस और राहुल गांधी शहीदों व सैनिकों को अपमानित करने का कार्य करते हैं। राहुल देश का सम्मान न देश में रखते हैं और न ही विदेश में रहते हैं। राहुल गांधी, कांग्रेस और उसके समर्थक दल जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने की मांग करते हैं और पाकिस्तान उसे समर्थन करता है। देश के खिलाफ जान...
जाति पर सियासी संग्राम

जाति पर सियासी संग्राम

अवर्गीकृत
- प्रो. मनीषा शर्मा भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर के लोकसभा में राहुल गांधी की जाति पूछे जाने के बाद से देश में जाति को लेकर माहौल गर्माया हुआ है। इससे पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने जाति आधारित जनगणना नहीं करने को लेकर लोकसभा में जो बयान दिया उसके बाद से इस विषय पर लगातार बहस जारी है। जातिगत जनगणना कराए जाने को लेकर पक्ष और विपक्ष दोनों अपने-अपने तर्क दे रहा है। विपक्ष लगातार जातिगत जनगणना कराए जाने के समर्थन में अनेक तर्क दे रहा है। देश में जातीयता और फूट डालो राज करो की नीति का जो जहरीला बीज अंग्रेज डाल गए थे कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियों के नेताओं ने उसे खाद-पानी देकर निरन्तर सींचा और अपनी जरूरतों के अनुसार इसका इस्तेमाल किया। आज यह जहर हमारी संपूर्ण फिजाओं में घुल चुका है । देश में जनगणना की शुरुआत 1881 में औपनिवेशिक शासन के दौरान हुई। जाति के आधार पर आबादी क...
… लेकिन राहुल गांधी ने मर्यादा तोड़ दी

… लेकिन राहुल गांधी ने मर्यादा तोड़ दी

अवर्गीकृत
- हृदय नारायण दीक्षित लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी ने हिन्दुओं को हिंसक कहा है। इस वक्तव्य पर अखिल भारतीय प्रतिक्रिया हो रही है। नेता प्रतिपक्ष से सदन की मर्यादा और अतिरिक्त शालीन व्यवहार की अपेक्षा रहती है। लेकिन राहुल ने मर्यादा तोड़ दी। वे प्रधानमंत्री को संसदीय परंपरा के अनुसार माननीय नहीं कहते। वे उन्हें 'नरेंदर मोदी' कहते हैं। वे संभवतः यह बात भी नहीं जानते कि संसदीय व्यवस्था में नेता प्रतिपक्ष का पद बेहद सम्माननीय होता है। ब्रिटिश संसदीय परम्परा में वह 'गवर्नमेन्ट इन वेटिंग'' कहा जाता है। कमाल है कि वे भारतीय उपमहाद्वीप के अभिजनों की विश्ववरेण्य हिन्दू संस्कृति से अपरिचित हैं। हिन्दू उन्हें हिंसक दिखाई पड़ते हैं। हिन्दू समाज व्यवस्था का मूलभूत तत्व लोककल्याण है। हिन्दू भारत की प्रकृति और संस्कृति के संवाहक हैं। यह भारत के लोगों की जीवनशैली है। हिन्दू जीवनशैली में सभी वि...
नेता प्रतिपक्ष और भारतीय लोकतंत्र

नेता प्रतिपक्ष और भारतीय लोकतंत्र

अवर्गीकृत
- डॉ. नुपूर निखिल देशकर भारतीय लोकतंत्र को यह जहरीला घूंट अब बार-बार पीना पड़ेगा। नेता प्रतिपक्ष के रूप में अभिभाषण पर बोलते हुए राहुल गांधी के भीतर का वह सब बाहर आ गया है जो दस साल से दबा छिपा था। चुनाव परिणामों से संजीवनी प्राप्त राहुल ने भले ही समूचा विष एक साथ उगल डाला हो लेकिन उन्होंने भाजपा के तमाम दिग्गज नेताओं को बार बार प्रतिवाद करने पर मजबूर कर दिया। इतना अधिक उद्वेलित किया कि न केवल राजनाथ सिंह,न केवल अमित शाह अपितु प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जैसे शीर्ष नेताओं को बीच बीच में खड़े होकर जवाब देने पर मजबूर होना पड़ा। एक तरह से यह राहुल के झूठ की जीत और बीजेपी टॉप लीडरशिप की पराजय है। राहुल गांधी हिन्दुत्व, भाजपा और संघ को सीधे सपाट ढंग से कोसते हुए सदन में पहली बार बेलगाम नेता के बतौर सामने आए। उनका यह बदला हुआ रूप आने वाले दिनों में एक नई राजनीति की ओर इशारा कर रहा है। जाहिर...
नेता विपक्ष की कार्यशैली से देश परखेगा राहुल गांधी का सियासी ज्ञान

नेता विपक्ष की कार्यशैली से देश परखेगा राहुल गांधी का सियासी ज्ञान

अवर्गीकृत
- डॉ. रमेश ठाकुर सोलहवीं और 17वीं लोकसभा में नंबरों के लिहाज से कांग्रेस 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में इतनी पिछड़ गई थी कि उसे नेता प्रतिपक्ष का पद भी नसीब नहीं हुआ। नेता विपक्ष पद की बात तो दूर, पार्टी का भविष्य और अस्तित्व भी खतरे में पड़ गया था। कम नंबर संख्या के कारण ही संसद में नेता विपक्ष की सीट भी रिक्त रही। पर, कहते हैं कि सियासत में चमत्कार की संभावनाएं अन्य क्षेत्रों के मुकाबले ज्यादा रहती हैं। किसके सितारे कब बुलंद हो जाए और किसके अचानक बुझ जाएं? इसका दारोमदार जनता के मूड और विचारों पर निर्भर रहता है? 2024 के आम चुनाव में हुआ भी कमोबेश कुछ ऐसा ही। भाजपा 400 पार के नारे के साथ फिर से प्रचंड बहुमत में आने को पूरी तरह आश्वस्त थी, लेकिन जनता ने अस्वीकार कर दिया। मौका जरूर दिया, लेकिन आधा-अधूरा। हालांकि, कांग्रेस ने इस बार उम्मीद से कहीं बढ़कर प्रदर्शन कर खुद को लड़ाई में बरकरार रख...
मप्र: मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने राहुल गांधी को कहा बच्चा

मप्र: मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने राहुल गांधी को कहा बच्चा

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल (Bhopal)। लोकसभा चुनाव के नतीजे (lok sabha election results) आने के बाद आईएनडीआईए गठबंधन (INDIA ALLIANCE) कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Congress MP Rahul Gandhi) को नेता प्रतिपक्ष बनाने की तैयारी कर रही है। इसको लेकर मध्यप्रदेश नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) ने राहुल गांधी को बच्चा कहा है। विजयवर्गीय शनिवार को इंदौर में एक बैठक के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे। दरअसल, दिल्ली में शनिवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने का प्रस्ताव रखा गया है। मीडिया ने इसे लेकर विजयवर्गीय से सवाल किया था। विजयवर्गीय ने इसका जवाब देते हुए कहा कि वे बच्चे हैं, वहां सभी को लोकसभा में बैठने का उत्साह रहेगा कि पता नहीं कब क्या बोलेंगे और कब हंसी का माहौल हो जाएगा। इस दौरान विजयवर्गीय ने मीड...
वित्त मंत्री ने राहुल गांधी की खटाखट योजनाओं पर उठाए सवाल, कांग्रेस से पूछा कहां से आएगा फंड

वित्त मंत्री ने राहुल गांधी की खटाखट योजनाओं पर उठाए सवाल, कांग्रेस से पूछा कहां से आएगा फंड

देश, बिज़नेस
नई दिल्ली (New Delhi)। केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री (Union Finance and Corporate Affairs Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने सोमवार को लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha elections 2024.) के दौरान कांग्रेस पार्टी (Congress Party.) को उसकी विभिन्न योजनाओं की घोषणाओं को लेकर आड़े हाथ लिया है। सीतारमण ने कांग्रेस से सवाल उठाते हुए पूछा कि गरीबी रेखा से नीचे परिवारों की महिलाओं को सालाना एक लाख रुपये देने समेत कई सामाजिक कल्याण योजनाओं को लागू करने की लागत को पूरा करने की योजना पार्टी कैसे बना रही है। वित्त मंत्री ने ‘एक्स’ पोस्ट पर जारी एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के नेतृत्व में हमारी सरकार के राजकोषीय प्रबंधन (विशेषकर कर्ज को लेकर) हाल के दिनों में बहुत कुछ कहा गया है। उन्होंने कहा कि कई बार सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी)...
‘राहुल गांधी, आसान नहीं रायबरेली की डगर…!’

‘राहुल गांधी, आसान नहीं रायबरेली की डगर…!’

अवर्गीकृत
- सुरेश हिंदुस्तानी कांग्रेस नेता राहुल गांधी उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा सीट से चुनाव न लड़ पाने की हिम्मत के बाद आखिर परम्परागत रायबरेली से नामांकन दाखिल कर दिया। यह बात सही है कि राहुल गांधी के अमेठी छोड़ने के बाद कांग्रेस राजनीति में कोई ठोस सन्देश देने में सफल नहीं हो रही थी, जिसके कारण कांग्रेस के कई नेता अमेठी के बारे में बोलने से किनारा करने लगे थे। अब राहुल गांधी अपने दादा फिरोज खान, दादी इंदिरा गांधी और मां सोनिया गांधी की विरासत को बचाने के लिए मैदान में आ गए हैं। यहां सवाल यह नहीं हैं कि राहुल गांधी और उनकी कांग्रेस ने रायबरेली को क्यों चुना, बल्कि सवाल यह है कि राहुल गांधी ने अमेठी को क्यों छोड़ा। क्या वास्तव में राहुल गांधी को फिर से अपनी पराजय का डर लगने लगा था? अगर यह सही है तो फिर ऐसा क्यों है कि राहुल गांधी हर बार अपने लिए सुरक्षित स्थान की तलाश क्यों करते हैं। उल्लेख...
राहुल गांधी को अमेठी से लड़ना चाहिए चुनाव ?

राहुल गांधी को अमेठी से लड़ना चाहिए चुनाव ?

अवर्गीकृत
- प्रभुनाथ शुक्ल कांग्रेस अमेठी और रायबरेली को लेकर असमंजस में है। अपनी परम्परागत सीट पर अपना उम्मीदवार तय नहीं कर पाई है। अमेठी और रायबरेली को लेकर मंथन जारी है। कहा यह जा रहा है कि यहां पांचवें चरण में वोटिंग होगी इसलिए पर्याप्त समय है। लेकिन सम्भवत: सच यह है कि अभी राहुल गांधी एवं प्रियंका खुद तय नहीं कर पाए हैं कि उन्हें चुनावी मैदान में उतरना है या नहीं। फिलहाल दिखावे के लिए यह फैसला पार्टी अध्यक्ष खड़गे पर छोड़ दिया गया है। कार्यकर्ता चाहते हैं कि राहुल गांधी और प्रियंका रायबरेली और अमेठी से चुनाव लड़ें। कार्यकर्ताओं की मांग जायज भी है, लेकिन पार्टी राहुल और प्रियंका को उम्मीदवार बनाने में डर क्यों रही है, यह समझ से परे है। उन्हें क्या हार का डर भयभीत कर रहा या फिर वे चुनाव लड़ना नहीं चाहते हैं। ऐसा नहीं है तो उन्हें पार्टी का उम्मीदवार घोषित करना चाहिए। कहा जाता है कि कांग्रेस मे...