Sunday, November 10"खबर जो असर करे"

Tag: Quit India Movement

विदेशी विचार छोड़कर ‘स्व’ का भाव जगाएं

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- सुरेश हिन्दुस्थानी आजादी के अमृतकाल में भारत छोड़ो आंदोलन दिवस (09 अगस्त) पर बहुत कुछ सोचने-समझने का अवसर है। दरअसल किसी भी देश का विचार उसके स्वभाव से परिचित कराता है। अगर किसी देश के पास स्वयं के विचार का आधार नहीं है, तब निश्चित ही वह देश दूसरे के विचारों के अनुसार ही संचालित होगा। कहा जाता है कि कोई देश जब अपना अतीत भूल जाता है, तब वह धीरे-धीरे पतन की ओर कदम बढ़ाने की अग्रसर होता है। ऐसा उन्हीं देशों में होता है जहां निजत्व का गौरव नहीं होता। ऐसे देश प्राय: अपने स्वर्णिम और सुखद भविष्य की बुनियाद नहीं रख पाते। भारत देश के बारे में ऐसा कतई नहीं माना जा सकता। भारत के पास अतीत की ऐसी सुंदर परिकल्पना है जो केवल भारत का ही नहीं, अपितु पूरे विश्व का दिशा-दर्शन करने का सामर्थ्य रखती है, लेकिन समस्या इस बात की है कि वर्तमान में भारत के लोग अपनी सनातन संस्कृति से विमुख होते जा रहे हैं। भारत...

गांधी जी के आंदोलन से हिल गयी थी अंग्रेज सरकार

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- रमेश सर्राफ धमोरा नौ अगस्त 1942 को अंग्रेजों भारत छोड़ो के नारे के साथ महात्मा गांधी के आह्वान पर शुरू हुए आंदोलन ने अंग्रेजी हुकूमत की नींव हिलाने का काम किया था। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में निर्णायक भूमिका निभाने वाले इस आंदोलन में पूरे देश के लोगों की व्यापक भागीदारी रही थी। अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन के शुरू होने के कुछ समय बाद ही गांधी जी को गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन देशभर के युवा कार्यकर्ताओं ने हड़तालों और अन्य आंदोलनों के जरिए इस लड़ाई को जिंदा रखा। इस आंदोलन ने देखते ही देखते ऐसा रूप ले लिया था कि अंग्रेजी सत्ता को दमन के सभी उपाय नाकाफी साबित होने लगे थे। नौ अगस्त 1942 को दिन निकलने से पहले ही कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सभी सदस्य गिरफ्तार हो चुके थे और कांग्रेस को गैरकानूनी संस्था घोषित कर दिया गया। गांधी जी के साथ भारत कोकिला सरोजिनी नायडू को यरवदा पुणे के आगा खान पैलेस म...