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पवित्र और ऐतिहासिक क्षिप्रा नदी की स्वच्छता और पवित्रता बनाए रखना जरूरी: शिवराज

पवित्र और ऐतिहासिक क्षिप्रा नदी की स्वच्छता और पवित्रता बनाए रखना जरूरी: शिवराज

देश, मध्य प्रदेश
- नदी के संरक्षण-संवर्धन पर पांच साल में खर्च होंगे 1741 करोड़ रुपये भोपाल (Bhopal)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि क्षिप्रा (kshipra) प्रदेश की पवित्र और ऐतिहासिक नदी (holy and historic river) है। यह मोक्षदायिनी (Mokshadayini) है। लोगों की आस्था की प्रतीक क्षिप्रा को स्वच्छ और पवित्र बनाए रखना जरूरी है। मुख्यमंत्री चौहान सोमवार शाम को अपने निवास कार्यालय समत्व भवन में पुण्य-सलिला क्षिप्रा नदी के संरक्षण-संवर्धन पर "अविरल प्रवाह योजना" के प्रस्तुतिकरण के दौरान अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के चेयरमैन एसएन मिश्रा सहित वरिष्ठ अधिकारी और विशेषज्ञ मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षिप्रा नदी को पुन: प्रवाहमान करना है। सबसे पहले नदी में गंदा पानी मिलने से रोकना होगा। इसक...
जैन-तीर्थ की पवित्रताः चिंता?

जैन-तीर्थ की पवित्रताः चिंता?

अवर्गीकृत
- डॉ. वेदप्रताप वैदिक झारखंड के गिरिडीह जिले में सम्मेद शिखर नामक एक जैन तीर्थ स्थल है। एक दृष्टि से यह संसार के संपूर्ण जैन समाज का अत्यंत महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। यह वैसा ही है, जैसा कि हिंदुओं के लिए हरिद्वार है, यहूदियों और ईसाइयों के लिए यरूशलम है, मुसलमानों के लिए मक्का-मदीना है और सिखों के लिए अमृतसर का स्वर्ण मंदिर है। सम्मेद शिखर में जैनों के 24 में से 20 तीर्थंकरों ने निर्वाण प्राप्त किया है। दुनिया में किसी भी जैन संप्रदाय का कोई भी व्यक्ति कहीं भी रहता हो, उसकी इच्छा यह रहती है कि जीवन में कम से कम एक बार वह सम्मेद शिखरजी की यात्रा जरूर कर ले। मेरे कुछ जैन परिवारजन ने बताया कि अपने बाल्यकाल में वे जब सम्मेद शिखर पर जाते थे तो मुँहपट्टी लगाए रखते थे या मुँह खोलते ही नहीं थे ताकि किसी जीव की हिंसा न हो जाए। ऐसा पवित्र भाव जिस तीर्थ के लिए करोड़ों लोगों के दिल में रहता हो, यदि उ...

बीज की शुद्धता से ही है वर्तमान और भविष्य की सुंदरताः केन्द्रीय मंत्री तोमर

देश, मध्य प्रदेश
- कृषि विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय 11वीं नेशनल सीड कांग्रेस का शुभारंभ ग्वालियर। केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री (Union Minister of Agriculture and Farmers Welfare) नरेन्द्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा कि श्रृष्टि में जो कुछ भी है वह किसी न किसी बीज का ही परिणाम है। बीज की शुद्धता (seed purity) वर्तमान और भविष्य (present and future) की शुद्धता व सुंदरता (purity and beauty) होती है। बीज फसल के ही नहीं, संस्कारों के भी होते हैं। यदि खाद्यान्न व फल-सब्जी के बीज शुद्ध होंगे तो मनुष्यों के शारीरिक स्वास्थ्य की सुंदरता भी रहेगी। कृषि वैज्ञानिक जब विभिन्न किस्म के बीजों का अविष्कार करते हैं तो उससे देश और दुनिया आत्मनिर्भर होती है। केन्द्रीय कृषि मंत्री तोमर रविवार को ग्वालियर में राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय में शुरू हुई 11वीं राष्ट्रीय बीज कांग्रेस-2022 (ने...