रक्षाबंधन पर भी चढ़ा आधुनिकता का रंग
- योगेश कुमार गोयल
भाई द्वारा बहन की रक्षा का वचन देने के प्रतीक के रूप में मनाए जाने वाले त्यौहार रक्षाबंधन के मायने वर्तमान युग में बहुत बदल गए हैं। रिश्तों के इस पर्व पर अब भावनाओं से ज्यादा राखी की कीमत देखी जाने लगी है। बदले जमाने के साथ रक्षाबंधन मनाने के तौर-तरीकों में तो बदलाव आया ही है, साथ ही कच्चे धागों के रूप में भाई की कलाई पर बांधा जाने वाला भाई-बहन के रिश्ते का यह बंधन अब कच्चे धागों के स्थान पर सोने-चांदी की जंजीरों का रूप ले चुका है। भाईबहन के अटूट प्यार के इस पर्व पर अब आधुनिकता का रंग चढ़ चुका है। समय बदलने के साथ-साथ राखियों का अंदाज पूरी तरह बदल गया है। हर वर्ष रक्षाबंधन पर अब बाजार में सैंकड़ों तरह की नई राखियां आती हैं। लोगों में नए-नए डिजाइनों वाली महंगी राखियों के प्रति दीवानगी इस कदर बढ़ गई है कि अब राखी बनाने वाले बड़े-बड़े निर्माताओं ने तो बाकायदा राखियों के नए-नए ड...