मर्यादा अनुरूप द्रोपदी मुर्मू का प्रचार
- डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
राष्ट्रपति देश का संवैधानिक प्रमुख होता है। संघीय कार्यपालिका शक्तियों का संचलन प्रधानमंत्री के नेतृत्व में होता है। भारत में संसदीय शासन प्रणाली है। मंत्रिमंडल की सिफारिश और संसद द्वारा पारित विधेयक पर राष्ट्रपति हस्ताक्षर करते हैं। इसके बाद ही कानून बनता है। मूल संविधान में केवल यह उल्लेख था कि राष्ट्रपति मंत्रिमंडल की सलाह से कार्य करेंगे। इसका मतलब था कि राष्ट्रपति मंत्रिमंडल की सिफारिश और विधेयक को स्वीकार या अस्वीकार कर सकते हैं। इंदिरा गांधी के कार्यकाल में संशोधन किया गया। इसके माध्यम से मंत्रिमंडल की सिफारिश को स्वीकार करना बाध्यकारी बनाया गया।
जनता पार्टी सरकार के समय इसमें पुनः संशोधन किया गया। इसके अनुसार राष्ट्रपति मंत्रिमंडल की सिफारिश को पुनर्विचार के लिए एक बार वापस कर सकते हैं। दोबारा वह सिफारिश या प्रस्ताव के अनुरूप ही कार्य करेंगे। मतलब राष्ट्रप...