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कूनो को बनाया जाएगा इको टूरिज्म हब, प्रोजेक्ट टाइगर की तरह शुरू होगा प्रोजेक्ट एलिफेंट

कूनो को बनाया जाएगा इको टूरिज्म हब, प्रोजेक्ट टाइगर की तरह शुरू होगा प्रोजेक्ट एलिफेंट

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल (Bhopal)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Chief Minister Dr. Mohan Yadav) ने कहा कि मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) को इको टूरिज्म (Eco tourism) का बनाने के लिए कार्ययोजना बनाई जाएगी। इससे रोजगारोन्मुख अर्थव्यवस्था संचालित करने में सहयोग मिलेगा। भविष्य में कूनो (Kuno alone) में ही लगभग दो लाख लोगों को रोजगार (Employment two lakh people) मिलेगा। गांधी सागर अभयारण्य में भी ऐसी गतिविधियों को संचालित किया जाएगा। प्रदेश में वन आधारित अर्थव्यवस्था का नया मॉडल विकसित होगा। केंद्र सरकार के सहयोग से जल, जंगल, जमीन, वन्य प्राणी के संरक्षण के साथ स्थानीय स्तर पर रोजगारोन्मुखी अर्थ-व्यवस्था बनेगा। अर्थव्यवस्था आधारित गतिविधियों से लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध होगा और वन्य जीवों के साथ जंगल का भी संरक्षण होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव सोमवार को श्योपुर के सेसई पूरा के जंगल रिसोर्ट में केन्द्रीय व...
बाघ परियोजना…पांच दशक, बड़ी कसक

बाघ परियोजना…पांच दशक, बड़ी कसक

अवर्गीकृत
- डॉ. रमेश ठाकुर भारत में बाघ परियोजना मुहिम ने अपने 50 साल पूरे कर लिए । पूरे देश में कुल 53 टाइगर रिजर्व क्षेत्र हैं, लेकिन अफसोस इनमें कुछ बाघ रिजर्व क्षेत्र ऐसे हैं जहां एक भी बाघ नहीं हैं? ये हम नहीं, बल्कि पिछले सप्ताह जारी सरकारी आंकड़ों ने बताया है। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की माने तो गुजरे चार वर्षों में देश भर में 715 बाघों की संख्या बढ़ी। इस समय कुल 3682 बाघ देश में हैं। इसके साथ ही ये भी बताया गया है कि तेलंगाना का कवल टाइगर रिजर्व, मिजोरम का डम्पा टाइगर रिजर्व क्षेत्र, अरुणाचल प्रदेश का कमलेंग, ओडिशा का सतकोसिया और सहायद्री स्थित बाघ रिजर्व क्षेत्र एकदम बाघ हीन हैं, वहां बाघ विलुप्त हो गए हैं। कुछ असमय मर गए, तो कुछ शिकारियों के शिकार हो गए। हालांकि शिकारियों के हाथों मरे बाघों के संबंध में रिपोर्ट में नहीं बताया गया है। पर, ये तल्ख सच्चाई है जिसे सरकार भी मानती है कि इस वक्त प...