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कृषि क्षेत्र की चुनौतियां और समाधान

कृषि क्षेत्र की चुनौतियां और समाधान

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- कुलभूषण उपमन्यु हमारे देश में कृषि क्षेत्र के सामने कई चुनौतियां हैं । एक ओर किसान के लिए कृषि को लाभदायक बनाने की चुनौती है तो दूसरी ओर मिट्टी की उपजाऊ शक्ति को बचाने बढ़ाने की जरूरत है। मानव स्वास्थ्य का प्रश्न भी बहुत हद तक कृषि उत्पादों के जहर मुक्त होने पर निर्भर है। 140 करोड़ लोगों को खाद्यान्न उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी तो है ही। इन सारी चुनौतियों को कुछ-कुछ निपटाने की क्षमता हो, ऐसी कृषि पद्धति की तलाश लंबे समय से रही है। हरित क्रांति के पहले, अन्न के संकट से देश दो-चार था। हरित क्रांति आई तो अपने साथ रासायनिक खाद और फसल की बीमारियों से लड़ने वाले जहर लेकर आई। इन रासायनिक छिड़कावों के बाद जहरीले तत्वों का कुछ प्रतिशत अनाज, फल और सब्जी में बचा रह जाता है। रासायनिक खाद मिट्टी की उपजाऊ शक्ति को धीरे-धीरे घटाते जाते हैं और रासायनिक खाद की मात्रा की मांग बढ़ती जाति है। इससे कृषि की ला...
पशुपालन को लाभदायक बनाने के आयाम

पशुपालन को लाभदायक बनाने के आयाम

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- कुलभूषण उपमन्यु भारत में गाय और भैंस की कुल संख्या करीब 30 करोड़ है। 12 किलोग्राम प्रति पशु की दर से प्रतिदिन 360 करोड़ किलोग्राम गोबर पैदा होता है। एक किलोग्राम बायो गैस बनाने के लिए 20 किलोग्राम गोबर चाहिए। इसका अर्थ हुआ 18 करोड़ किलोग्राम गैस प्रति दिन। इसे सिलेंडर में भरें तो एक करोड़ बीस लाख सिलेंडर रोज की क्षमता देश में है। यदि इस संसाधन को पूरी तरह से प्रयोग करने की क्षमता हासिल कर ली जाए तो देश की 50 फीसद ऊर्जा जरूरतों को पूरा किया जा सकता है। इसके लिए सारी तकनीक तो उपलब्ध ही है। केवल दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ जुट जाने की बात है। गोबर गैस बनाने के दोहरे फायदे हैं। एक तो ऊर्जा पैदा होगी, जो हमारी खनिज तेल पर निर्भरता को कम करेगी। दूसरा बढ़िया खाद भी प्राप्त होगी, किसान को नकद लाभ होगा और खनिज तेल का उपयोग कम होने से वायु प्रदूषण भी कम होगा। इतने बड़े संसाधन के होते हुए इसकी अनदेखी करना ...