जनगणना की प्रक्रिया पारदर्शी होते ही कतिपय भ्रांतियां स्वतः समाप्त हो जाएंगी
- कमलेश पांडेय
लोकतंत्र में संख्या बल का अपना महत्व होता है। 51 वोट का मतलब जीत और 49 वोट का मतलब हार से लगाया जाता है। भारत में बहुदलीय व्यवस्था है, इसलिए यहां पर 30 वोट का मतलब भी जीत हो जाता है, बशर्ते कि 70 वोट की संख्या विभिन्न दलों में विभाजित हो जाये और सबके हिस्से में 29 या उससे कम वोट आये। वैसे तो मतदाता सूची तैयार करना केंद्रीय चुनाव आयोग का कार्य है, लेकिन मतदाताओं के संख्या बल और उसके विकास पायदान की सटीक जानकारी के लिए लोग जनगणना के आंकड़ों पर निर्भर रहते हैं। लेकिन जब ये आंकड़े ही सटीक नहीं बन पाएं, तो किन्तु-परन्तु होना स्वाभाविक है। मोदी सरकार इस कड़वी हकीकत से अवगत हो चुकी है और यदि सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो वह जल्द ही तमाम तरह के आंकड़ों की बाजीगरी खत्म करवा देगी।
इस बात का संकेत केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 22 मई को नई दिल्ली में जनगणना भवन का उद्घाटन करने के द...