लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री के संदेश के निहितार्थ
- ऋतुपर्ण दवे
लाल किले की प्राचीर से आजादी के गुमनाम मतवालों को याद करते हुए स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संकल्पित अंदाज में दिखे। उन्होंने भ्रष्टाचारियों को ललकारा। भाई-भतीजावाद को नई पीढ़ी के खिलाफ बताया। प्रधानमंत्री ने आने वाले 25 साल के लिए पंच प्रण यानी 5 संकल्पों पर सभी को अपनी शक्ति, संकल्प तथा सामर्थ्य के साथ केंद्रित होने का आग्रह किया। पहला प्रण देश बड़े संकल्प के साथ चले जिसमें हमें विकसित भारत से कम कुछ भी नहीं चाहिए। दूसरा प्रण किसी भी कोने में हमारे मन में गुलामी का लेशमात्र अंश भी न रहे। हमें वैसा ही होना चाहिए जैसे हैं। अब बिल्कुल जरूरी नहीं कि सात समंदर पार के गुलामी के जरा से भी तत्व रह जाएं। दासता के सभी निशान मिटा दें। तीसरा प्रण हमें हमारी अपनी विरासत पर गर्व करना होगा। यही वो विरासत है जो कभी भारत का स्वर्णिम काल था और जिस पर हमें गर्व होना ...