Friday, November 22"खबर जो असर करे"

Tag: Prime Minister Narendra Modi

स्वस्थ विश्व का आधार बना ‘मिलेट्स’

स्वस्थ विश्व का आधार बना ‘मिलेट्स’

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- प्रो. संजय द्विवेदी मिलेट्स यानी मोटा अनाज हमारे स्वास्थ्य, खेतों की मिट्टी, पर्यावरण और आर्थिक समृद्धि में कितना योगदान कर सकता है, इसे इटली के रोम में खाद्य एवं कृषि संगठन के मुख्यालय में मोटे अनाजों के अंतरराष्ट्रीय वर्ष (आईवाईओएम) के शुभारंभ समारोह के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस संदेश से समझा जा सकता है- 'हमारी जमीन और हमारी थाली में विविधता होनी चाहिए। अगर खेती इकहरी फसल वाली हो जाए, तो इसका बुरा असर हमारे और हमारी जमीन के स्वास्थ्य पर पड़ेगा। मोटे अनाज हमारी खेती और हमारे भोजन की विविधता बढ़ाते हैं। मोटे अनाजों के प्रति सजगता बढ़ाना इस आंदोलन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। लोग और संस्थाएं, दोनों ही बड़ा प्रभाव छोड़ सकते हैं। संस्थाओं के प्रयास से मोटे अनाजों के उत्पादन को बढ़ावा दिया जा सकता है और समुचित नीतियां अपनाकर इनकी फसल को फायदेमंद बनाया जा सकता है। लोग भी स्वास्थ्य के ...
भारत की आर्थिक मजबूती पर गर्व

भारत की आर्थिक मजबूती पर गर्व

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- कमलेश पांडेय क्या आपको पता है कि 21 सदी के दूसरे दशक में वैश्विक महामारी कोरोना और उसके बाद रूस-यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बन चुके विपरीत हालात से निपटने में भारत कई देशों के मुकाबले बेहतर स्थिति में है? यदि नहीं तो यह जान लीजिए कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत यह करिश्मा कर रहा है, जिसका सारा श्रेय उनके नेतृत्व में पिछले साढ़े आठ वर्षों से देश में जारी रिफॉर्म (सुधार), ट्रांसफॉर्म (परिवर्तन) और परफॉर्म (प्रदर्शन) की गहन प्रक्रिया को जाता है। अब तो वैश्विक प्रबंधन परामर्शदाता फर्म मैकिंसे तक यह मानने लगा है कि न केवल वर्तमान दशक बल्कि यह पूरी सदी भारत की होगी। यह जानकर दुनिया भर की संस्थाओं का भारत में भरोसा बढ़ा है। समझा जाता है कि सशक्त लोकतंत्र, राजनीतिक स्थिरता और सतत सुधारों के चलते भारत, पूरी दुनिया के निवेशकों के लिए निवेश की एक आकर्षक मंजिल ब...
पंच प्रण अनुरूप काशी तमिल संगमम

पंच प्रण अनुरूप काशी तमिल संगमम

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- डॉ. दिलीप अग्निहोत्री प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में पंच प्रण का उल्लेख किया था। इसके अंतर्गत विकसित भारत के रूप में आगे बढ़ाने, गुलामी के सभी निशान मिटाने, भारत की विरासत पर गर्व करने, देश की एकता और अखंडता को मजबूत करना और देश के प्रति नागरिकों के कर्तव्यों का संकल्प शामिल है। 'काशी तमिल संगमम' पंच प्रण विचार के अनुरूप है। नरेन्द्र मोदी ने भी इसे एक अनूठा कार्यक्रम बताया। उन्होंने कहा कि यह देश के लोगों में गहरे संबंधों को बनाए रखने का अवसर प्रदान करेगा। वस्तुतः भारतीय संस्कृति का दायरा व्यापक है। इसमें विविधता है। इसके साथ ही एकता के शास्वत सूत्र भी हैं। एकता एकात्मता का यह सिद्धांत भारतीय संस्कृति का प्राण है। एकात्मकता के इस सिद्धांत को आधुनिक वैज्ञानिकों ने गॉड पार्टिकल के रूप में स्वीकार किया है, जबकि भारतीय मनीषियों ने युगों पहले इसको प्रमाणित किया था। ...

जन्मदिन विशेष: जन आकांक्षाओं को पूर्ण करते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

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- शिव प्रकाश लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था की विशेषताओं के संदर्भ में अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन का प्रसिद्ध वाक्य "Of the people, By the people, For the people" है। भारतीय संविधान निर्माताओं ने भी इसी को आधार माना कि लोकतंत्र का उद्देश्य -जनता का, जनता द्वारा, जनता के लिए है। अर्थात हमारी समस्त व्यवस्थाओं का आधार जनता है। जनता के द्वारा का अर्थ है कि जनता के वोट से जन प्रतिनिधियों का चयन होगा एवं चयनित जनप्रतिनिधि शासन के सूत्र सम्हाल कर नीति बनाते हुए जनता के कल्याण के लिए कार्य करेंगे। लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि जनता केवल वोट देने तक ही सीमित रहेगी। जनता देश के विकास में सक्रिय योगदान दे, वह सही जनप्रतिनिधियों का चयन करे, इसके लिए वह स्वार्थी न हो, क्षुद्र वृतियों से दूर रहे अर्थात नि:स्वार्थ, राष्ट्रभक्त, शिक्षित एवं संस्कारित हो। जनता में भविष्य के लिए श्रेष्ठ भारत बनाने का स्वप...

पाकिस्तान को मदद भिजवाने में झिझक न करे भारत

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- डॉ. वेदप्रताप वैदिक कल जैसे ही मैंने लिखा कि वर्तमान संकट में पाकिस्तान की मदद के लिए भारत को पहल करनी चाहिए, शाम तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का बयान आ गया। मोदी ने पाकिस्तान के लोगों की तकलीफ के बारे में जैसी भावभीनी प्रतिक्रिया की है, वह सचमुच बड़ी मार्मिक थी। पाकिस्तान के कई नेताओं, पत्रकारों और समाजसेवियों ने मोदी के उस बयान की सराहना की है लेकिन पाकिस्तान की सरकार या उसके दिल्ली स्थित दूतावास ने अभी तक कोई इशारा भी नहीं किया है कि यदि भारत मदद की पेशकश करेगा तो वे उसे सहर्ष स्वीकार करेंगे। दुर्भाग्य है कि दोनों देशों के फौजी और राजनीतिक रिश्ते ऐसे विकट रहे हैं कि इस भयानक विभीषिका के दौरान भी वे एक-दूसरे से खुलकर बात नहीं करते हैं। पाकिस्तान के कुछ उच्चस्तरीय और नामी-गिरामी नेताओं ने बातचीत में मुझसे कहा है कि यदि मोदी सरकार खुद मदद की पहल करेगी तो शहबाज सरकार को उसे स्वीकार करने...

विकसित भारत के विचारणीय बिंदु

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- डॉ. दिलीप अग्निहोत्री प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से विकसित भारत का मंसूबा व्यक्त किया। यह उनका तत्कालिक संकल्प मात्र नहीं है। बल्कि उनकी सरकार विगत आठ वर्ष से इसी संकल्प को सिद्ध करने में लगी है। लेकिन परिवारवाद और भ्रष्टाचार भारत को विकसित बनाने में बाधक है। नरेन्द्र मोदी ने इस पर प्रहार किया है। भारत में प्रजातंत्र है। सरकार के अपने संवैधानिक दायित्व होते हैं। मोदी सरकार इस जिम्मेदारी का निर्वाह कर रही है। लेकिन भारत को विकसित बनाने के अभियान में जनता का योगदान भी अपरिहार्य होता है। वह राजनीति में परिवारवाद को हतोत्साहित कर सकती है। ऐसी पार्टियों की पहली चिंता अपने कुनबे को लेकर होती है। उस पार्टी में चाहे जितने वरिष्ठ और ईमानदार नेता हों, लेकिन नेतृत्व तय करने का अंदाज राजतंत्र जैसा होता है। पार्टी सुप्रीमो के पुत्र या पुत्री को ही पूरी पार्टी उत्तराधिकार में म...

पसमांदा मुसलमानों का उद्धार

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- डॉ. वेदप्रताप वैदिक देश के कुल मुसलमानों में पसमांदा मुसलमानों की संख्या लगभग 90 प्रतिशत है। पसमांदा का मतलब है- पिछड़े हुए। इन पिछड़े हुए मुसलमानों में वे सब शामिल हैं, जो कभी हिंदू थे लेकिन उनमें भी पिछड़े, अछूत, अनुसूचित और निम्न समझी जानेवाली जातियों के थे। इस्लाम तो जातिवाद और ऊंच-नीच के भेद को नहीं मानता है लेकिन हमारे मुसलमानों में ही नहीं, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के मुसलमानों में भी जातिवाद जस-का-तस कायम है, जैसा कि वह हिंदुस्तान में फैला हुआ है। पाकिस्तान के जाट, गूजर, अहीर, कायस्थ, खत्री, पठान और यहां तक कि अपने आप को ब्राह्मण कहने वाले मुसलमानों से भी मेरा मिलना हुआ है। अफगानिस्तान में पठान, ताजिक, उजबेक, किरगीज, खत्री और मू-ए-सुर्ख मुसलमानों से भी मेरा कई बार साबका पड़ा है। इन मुस्लिम देशों में भी जातिवाद मौजूद है लेकिन वह वहां दबा-छिपा रहता है। भारत में भी जातिवाद का जबरदस्त ...