Friday, September 20"खबर जो असर करे"

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डेंगू से बचाव के लिए रहें अलर्ट

डेंगू से बचाव के लिए रहें अलर्ट

अवर्गीकृत
- योगेश कुमार गोयल डेंगू वैसे तो प्रतिवर्ष खासकर बारिश के मौसम में लोगों पर कहर बनकर टूटता है लेकिन कुछ राज्यों में इसके कारण महामारी जैसे हालात नजर आने लगे हैं और सैंकड़ों लोगों की मौत भी होती है। इसीलिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रतिवर्ष लोगों में डेंगू को लेकर जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से 16 मई को ‘राष्ट्रीय डेंगू दिवस’ मनाया जाता है। हालांकि डेंगू की दस्तक तो हर साल सुनाई पड़ती है किन्तु हर तीन-चार वर्ष के अंतराल पर डेंगू एक महामारी के रूप में उभरकर सामने आता है और तभी हमारी सरकारें तथा स्थानीय प्रशासन कुम्भकर्णी नींद से जागते हैं। प्रतिवर्ष मानसून के बाद देशभर में डेंगू के कई हजार मामले सामने आते हैं। डेंगू की दस्तक के बाद डॉक्टरों व प्रशासन द्वारा आम जनता को कुछ हिदायतें दी जाती हैं लेकिन डॉक्टर व प्रशासन इस मामले में खुद कितने लापरवाह रहे हैं, इसका उदाहर...
मप्रः अग्नि दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए नगरीय निकायों को दिशा-निर्देश जारी

मप्रः अग्नि दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए नगरीय निकायों को दिशा-निर्देश जारी

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल (Bhopal)। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह (Minister Bhupendra Singh) के निर्देशानुसार अग्नि दुर्घटनाओं (fire accidents) की रोकथाम (prevention) एवं नियंत्रण के संबंध में समस्त नगरीय निकायों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। निकायों को हिदायत दी गई है कि ऐसे सभी भवन, जिनके भवन स्वामियों द्वारा फायर सेफ्टी प्लान (fire safety plan) एवं फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट प्राप्त कर अग्नि सुरक्षा संबंधी प्रावधान नहीं किये हैं, उनको नियमानुसार नोटिस जारी कर जुर्माना लगाने की कार्रवाई की जाए। गुरुवार को जारी निर्देशों में कहा गया है कि नोटिस देने के बाद भी यदि भवन स्वामी द्वारा कार्रवाई नहीं की जाती है, तो जिला कलेक्टर को सूचना देकर भवन में संचालित गतिविधियों को बंद कराने के लिए समुचित कार्रवाई की जाये। सभी बहुमंजिला इमारतों में नियमित मॉकड्रिल से जन-समुदाय को जागरूक और प्रशिक्षित क...
डेंगू का प्रभाव, बचाव ही उपाय

डेंगू का प्रभाव, बचाव ही उपाय

अवर्गीकृत
- योगेश कुमार गोयल डेंगू वैसे तो प्रतिवर्ष खासकर बारिश के मौसम में लोगों पर कहर बनकर टूटता रहा है। देश के अनेक राज्यों में अब हर साल डेंगू का प्रकोप देखा जाने लगा है। हजारों लोग डेंगू से पीड़ित होकर अस्पतालों में भर्ती होते हैं। इनमें से दर्जनों लोग मौत के मुंह में भी समा जाते हैं। इसीलिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रतिवर्ष लोगों में डेंगू को लेकर जागरुकता पैदा करने के उद्देश्य से 16 मई को ‘राष्ट्रीय डेंगू दिवस’ मनाया जाता है। डेंगू की दस्तक हर साल सुनाई पड़ती है किन्तु हर तीन-चार वर्ष के अंतराल पर डेंगू एक महामारी के रूप में उभरकर सामने आता है। डेंगू की दस्तक के बाद प्रशासन की नींद टूटती है। तब जगह-जगह फैले कचरे और गंदगी के ढेर तथा विभिन्न अस्पतालों में सही तरीके से साफ-सफाई न होने और अस्पतालों में भी मच्छरों का प्रकोप दिखता है। प्रशासनिक लापरवाही का आलम यही रहता है कि ऐस...

मंकीपॉक्स से बचाव में होम्योपैथिक औषधियां कारगर

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- डॉ. एमडी सिंह कोरोना अभी ठीक से खत्म नहीं हुआ है कि अब मंकीपॉक्स की दस्तक ने लोगों को एक नए खौफ में डाल दिया है। मंकीपॉक्स एक ऐसा वायरस है जो मनुष्य से मनुष्य में फैलता है। यानी अगर कोई व्यक्ति किसी संक्रमित के संपर्क में आता है तो उसे भी संक्रमित कर देता है। मंकीपॉक्स ने केंद्र और राज्यों की सरकारों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। मंकीपॉक्स कोई नया रोग नहीं है। यह एक स्मॉल पॉक्स की फैमिली के वायरस द्वारा फैलने वाला संक्रामक रोग है। जिसे पहली बार डेनमार्क की एक प्रयोगशाला में प्रयोगों के लिए लाए गए दो बंदरों में 1958 में पाया गया। बंदरों के अतिरिक्त इसे चूहों और गिलहरियों को भी संक्रमित करते हुए पाया गया है। इन्हीं जानवरों से यह मनुष्य तक पहुंचा। वैसे तो यह कोविड-19 जैसे ही फैलने वाला संक्रामक रोग है, लेकिन भयभीत होने की नहीं इससे सतर्क रहने की जरूरत है। यह अब तक 78 देशों तक पह...