Friday, November 22"खबर जो असर करे"

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योगी का सनातन संदेश

योगी का सनातन संदेश

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- डॉ. दिलीप अग्निहोत्री विपक्षी इंडी एलायंस के सदस्य हिन्दू धर्म पर हमला बोल रहे हैं। उसे धर्म नहीं धोखा बता रहे हैं। सनातन के उन्मूलन का ऐलान कर रहे हैं। मन्दिरों की मूर्तियों की प्रतिष्ठा के प्रतिकूल बयान दिए जा रहे हैं। जातिवाद और जातिगत वैमनस्य बढ़ाने वाले बयान दिए जा रहे हैं। इनमें से कोई भी दल विकास, सद्भाव और समरसता की बात नहीं कर रहा है, क्योंकि ऐसा करने पर इनको भी अपना हिसाब देना पड़ेगा। इंडी एलायंस की अनेक पार्टियां आज भी प्रदेशों मे सत्तारूढ़ हैं। यूपीए सरकार में भी ये साझेदार रहीं हैं। इसलिए विकास पर मौन रहने में ही इन्हें अपनी भलाई दिखाई देती है। इन सबने नरेन्द्र मोदी को हटाने का एकमात्र एजेंडा बनाया है। इसलिए वोट बैंक राजनीति चल रही है। हिन्दू, सनातन, ठाकुर का कुआं, हिन्दुओं के धार्मिक ग्रंथ आदि पर नकारात्मक बयान दिए जा रहे हैं। दूसरी तरफ योगी आदित्यनाथ जैसे मुख्यमंत्री ह...
गुजराज चुनावः दूसरे चरण का मतदान आज, CM समेत कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर

गुजराज चुनावः दूसरे चरण का मतदान आज, CM समेत कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर

देश
-गुजरात विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में सोमवार को सुबह 8 से शाम 5 बजे तक मदान अहमदाबाद। गुजरात विधानसभा चुनाव (gujarat assembly election) के दूसरे व अंतिम चरण में सोमवार को मध्य व उत्तर गुजरात (Central and North Gujarat) की 93 सीटों के लिए वोट (Vote for 93 seats) डाले जाएंगे। प्रशासन ने इसके लिए सुरक्षा सहित सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली हैं। इस चरण में 14 जिलों (14 districts) में भाजपा-कांग्रेस के कई बड़े नेताओं (Many big leaders of BJP-Congress) के भाग्य का फैसला मतदाता करेंगे। चुनाव में मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल समेत राज्य सरकार के आठ मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर है। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला और पूर्व मुख्यमंत्री अमर सिंह चौधरी के पुत्र तुषार चौधरी भी चुनाव लड़ रहे हैं। उत्तर और मध्य गुजरात की ठाकोर, चौधरी और कोली समाज के लोगों के साथ बड़ी संख्या में ओबीसी मतदाताओं के ...

स्वतंत्र भारत में स्वराज की प्रतिष्ठा

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- गिरीश्वर मिश्र आजादी मिलने के पचहत्तर साल बाद देश स्वतंत्रता का 'अमृत महोत्सव’ मना रहा है तो यह विचार करने की इच्छा और स्वाभाविक उत्सुकता पैदा होती है कि स्वतंत्र भारत का जो स्वप्न देखा गया था वह किस रूप में यथार्थ के धरातल पर उतरा। स्वाधीनता संग्राम का प्रयोजन यह था कि भारत को न केवल उसका अपना खोया हुआ स्वरूप वापस मिले बल्कि वह विश्व में अपनी मानवीय भूमिका को भी समुचित ढंग से निभा सके। देश या राष्ट्र का भौगोलिक अस्तित्व तो होता है पर वह निरा भौतिक पदार्थ नहीं होता जिसमें कोई परिवर्तन न होता हो। वह एक गत्यात्मक रचना है और उसी दृष्टि से विचार किया जाना उचित होगा। बंकिम बाबू ने भारत माता की वन्दना करते हुए उन्नीसवीं सदी के उत्तरार्ध में 'सुजलां सुफलां मलयज शीतलां शस्य श्यामलां मातरं वन्दे मातरं' का अमर गान रचा था। 'सुखदां वरदां मातरं’ के स्वप्न के साथ यह मंत्र पूरे भारत के मानस में तब से...