यही वक्त है भारत के लिए विभिन्न क्षेत्रों में अपने सूचकांक तैयार करने का
- प्रहलाद सबनानी
वैश्विक स्तर पर विभिन्न देशों की भिन्न भिन्न क्षेत्रों में रेटिंग तय करने की दृष्टि से वित्तीय एवं विशिष्ट संस्थानों द्वारा सूचकांक तैयार किए जाते हैं। हाल ही के समय में इन विदेशी संस्थानों द्वारा जारी किए गए कई सूचकांकों में भारत की स्थिति को संभवत जान बूझकर गल्त दर्शाया गया है। इन सूचकांकों में पाकिस्तान, अफगानिस्तान एवं अफ्रीका के गरीब देशों की स्थिति को भारत से बेहतर बताया गया है। उदाहरण के लिए अभी हाल ही में पश्चिमी देशों द्वारा जारी किए गए तीन सूचकांकों की स्थिति देखिए। सबसे पहिले उदार (लिबरल) लोकतंत्र सूचकांक में भारत की रैकिंग को 104 बताया गया है और भारत के ऊपर निजेर देश को बताया गया है।
इसी प्रकार, आनंद (हैपीनेस) सूचकांक में भी भारत का स्थान 126वां बताया गया है जबकि पाकिस्तान को 108वां स्थान मिला है, जहां अत्यधिक मुद्रा स्फीति के चलते वहां के नागरिक अत्यधिक ...