सत्ता की चाबी युवाओं के हाथ
- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के लोकसभा चुनाव में अब लगभग साफ हो गया है कि सत्ता की चाबी युवा मतदाताओं के हाथ में ही रहने वाली है। यह बात राजनीतिक दलों को भी समझ में आ गई है। यही कारण है कि सभी प्रमुख राजनीतिक दलों द्वारा युवाओं को रिझाने के हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं। दरअसल युवा मतदाताओं की मुखरता ही चुनाव परिणामों में परिलक्षित होती है। साफ है कि लोकसभा के पिछले दो चुनावों में युवा मतदाताओं का रुझान नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के प्रति रहा है।
हालांकि मजे की बात यह है कि जिन प्रदेशों में क्षेत्रीय दलों की सरकार रही हैं उन प्रदेशों के युवाओं ने क्षेत्रीय पार्टी को अधिक तरजीह दी है। इससे यह तो नहीं कहा जा सकता कि युवा केवल भाजपा के साथ ही है अपितु युवाओं का रुझान नेशनल और स्टेट पॉलिटिक्स को लेकर अलग-अलग देखा जाता रहा है। हालांकि यह भी इंट्रेस्टिं...