सहायक प्रौद्योगिकी पर भारत का दृष्टिकोण और क्षमता
- राजेश अग्रवाल
सहायक प्रौद्योगिकी (एटी) अर्थात ऐसा कोई भी उत्पाद या सेवा, जिसके माध्यम से दिव्यांगजनों (पीडब्ल्यूडी) अथवा इस तरह की किसी भी स्वास्थ्य स्थितियों का सामना कर रहे लोगों को मुख्यधारा में शामिल होने और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए दैनिक गतिविधियों का निर्वहन करने में सहायता की जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनिसेफ द्वारा मई 2022 में सहायक प्रौद्योगिकी पर जारी की गई पहली वैश्विक रिपोर्ट (जीआरईएटी) के अनुसार, दुनिया में 2.5 बिलियन से अधिक लोगों को एक अथवा अधिक सहायक उत्पादों की आवश्यकता होती है। भारत में, 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 26.8 मिलियन लोग दिव्यांग हैं और यह उनके लिए सहायक प्रौद्योगिकी की आवश्यकता को दर्शाता है।
भारत में दिव्यांगजनों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिनमें शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य देखभाल तक सीमित पहुंच शामिल है। इसके अलाव...