आमजन से जुड़ा है डाक विभाग
- रमेश सर्राफ धमोरा
भारत में डाक विभाग के महत्व को मशहूर शायर निदा फाजली के शेर सीधा-साधा डाकिया जादू करे महान, एक ही थैले में भरे आंसू और मुस्कान से समझा जा सकता है। शायर निदा फाजली ने जब यह शेर लिखा था उस वक्त देश में संदेश पहुंचाने का डाक विभाग ही एकमात्र साधन था। डाकिये के थैले में से निकलने वाली चिट्ठी पढ़कर कोई खुश होता था तो कोई दुखी। हमारे देश में पहले डाक विभाग का इतना अधिक महत्व था कि फिल्मों तक में डाकिये पर कई मशहूर गाने फिल्माये गये हैं। मगर अब नजारा पूरी तरह से बदल चुका है। इंटरनेट के बढ़ते प्रभाव ने डाक विभाग के महत्व को बहुत कम कर दिया है। आज लोगों ने चिट्ठियां लिखनी छोड़ दी हैं। अब ई-मेल और माध्यमों से मिनटों में लोगो में संदेशों का आदान प्रदान हो जाता है।
09 अक्टूबर को पूरी दुनिया में विश्व डाक दिवस मनाया जाता है। वर्ष 1874 में इसी दिन यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन का गठन करने क...