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आरबीआई की एमपीसी बैठक 5 दिसंबर से, रेपो दर में 0.35 फीसदी का इजाफा संभव

देश, बिज़नेस
नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) (Reserve Bank of India (RBI)) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) (Monetary Policy Committee (MPC)) की तीन दिवसीय समीक्षा बैठक 5-7 दिसंबर के बीच होगी। रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास (Reserve Bank Governor Shaktikanta Das) की अध्यक्षता में होने वाली इस द्विमासिक समीक्षा बैठक में नीतिगत ब्याज दर (रेपो रेट) में 0.35 फीसदी इजाफा होने की संभावना है। बैंकिंग क्षेत्र के जानकारों ने शुक्रवार को बताया कि रिजर्व बैंक की छह सदस्यों वाली मौद्रिक नीति समिति रेपो रेट में 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकती है। हालांकि, आरबीआई इसके बाद रेपो दर में बढ़ोतरी से बच सकता है। रिजर्व बैंक ने इससे पिछली बैठक (30 सितंबर) में खुदरा महंगाई दर को नियंत्रित करने के लिए रेपो दर में 0.50 फीसदी का इजाफा किया था। आरबीआई इससे पहले मई में रेपो रेट में 0.40 फीसदी, जून में 0.50 फीसदी और अगस...
भारत और खाड़ी देशों के बीच एफटीए वार्ता की शुरुआत अगले महीने संभव

भारत और खाड़ी देशों के बीच एफटीए वार्ता की शुरुआत अगले महीने संभव

देश, बिज़नेस
नई दिल्ली। भारत (India) और खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के सदस्य देशों (Gulf Cooperation Council (GCC) member countries) के बीच मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) (Free Trade Agreement (FTA)) को लेकर वार्ता अगले महीने शुरू होने की उम्मीद है। अधिकारिक सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मुक्त व्यापार समझौता की शर्तें लगभग तय हो चुकी है। यह वार्ता अगले महीने शुरू होने की उम्मीद है। एफटीए से दोनों ही क्षेत्रों के बीच आर्थिक संबंधों को प्रोत्साहन और बढ़ावा मिलेगा। दरअसल, जीसीसी खाड़ी क्षेत्र के छह देशों सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, कुवैत, ओमान और बहरीन का संघ है। एक्सपर्ट का मानना है कि जीसीसी क्षेत्र में व्यापक संभावनाएं हैं। ऐसे में मुक्त व्यापार समझौता होने से भारत को निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी। विेशेषकर इस समझौता होने से रसायन, कपड़ा, रत्न एवं आभूषण और च...

क्या संभव है सरकारी आदेश के बाद पालीथिन पर प्रतिबंध!

अवर्गीकृत
- लिमटी खरे विकास का पहिया लगातार ही घूम रहा है। विकास के साथ ही साथ परिवर्तन भी लोगों ने देखा है। वर्तमान प्रौढ़ हो रही पीढ़ी तो बहुत तेज गति से हुए परिवर्तन की साक्षात गवाह है। वैज्ञानिकों ने मृत्यु के रहस्य पर से पर्दा नहीं उठा पाया है। इस तरह की अन्य बहुत सी बातें हैं जिन्हें वैज्ञानिक सुलझा नहीं पाए हैं। प्लास्टिक का कचरा दुनिया भर में फैला हुआ है और इस कचरे का निष्पादन ही सबसे बड़ी समस्या के रूप में सामने आ रहा है। आज दुनिया में प्लास्टिक ने एक क्रांति अवश्य लाई है पर प्लास्टिक के कारण पर्यावरण को कितना नुकसान हो रहा है इस बारे में शायद ही कोई जानता हो। एक समय था जब लोग एक स्थान से दूसरे स्थान जाते समय सुराही, छागल अथवा कांच की बोतलों में पानी ले जाया करते थे। समय बदला आज इन सबका विकल्प बहुत ही सस्ती प्लास्टिक की बाटल्स ले चुकी हैं। प्लास्टिक रूपी कचरा आज महानगरों में सीवर का सबस...