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जातीय राजनीति की मानसिकता से कब उबरेंगे !

जातीय राजनीति की मानसिकता से कब उबरेंगे !

अवर्गीकृत
- गिरीश्वर मिश्र लोकतंत्र की व्यवस्था में राजनीति समाज की उन्नति के लिए एक उपाय के रूप में अपनाई गई । इसलिए सिद्धांततः उसकी पहली और अंतिम प्रतिबद्धता और जिम्मेदारी जनता और देश के साथ बनती है । दुर्भाग्यवश आज की दलगत राजनीति के चलते एक-दूसरे के साथ उठने वाली वर्चस्व की प्रतिस्पर्धा के बीच नेतागण राजनीति के इस बड़े प्रयोजन से आसानी से आंख मूंद लेते हैं । दूसरी ओर वे ऐसे मुद्दों और प्रश्नों को लेकर चिंताओं और विमर्शों को जीवित करने में कोई कसर नहीं छोड़ते जिनके सहारे उनके पक्ष की कुछ पुष्टि होती दिखती है या फिर मीडिया में चर्चा के बीच बने रहने के लिए कुछ जगह मिल जाती है । इस सिलसिले में ताजी हलचल जाति की प्रतिष्ठा को लेकर मची हुई है । हमारे राजनेता जाति को लेकर बड़े ही संवेदनशील रहते हैं क्योंकि वे एक ओर जाति का विरोध करते नहीं थकते क्योंकि वह अनेक विषमताओं का कारण मानी जाती है । एक सामाजिक...
सुकेश चंद्रशेखर ने नेताओं से लेकर अभिनेत्रियों तक की धोखाधड़ी, कभी बना CM का पोता तो कभी जज

सुकेश चंद्रशेखर ने नेताओं से लेकर अभिनेत्रियों तक की धोखाधड़ी, कभी बना CM का पोता तो कभी जज

देश
नई दिल्‍ली । फिल्म अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडीस (Jacqueline Fernandez) की फिल्म किक की थीम के आधार पर उसके कथित चहेते सुकेश चंद्रशेकर (Sukesh Chandrashekhar) को भी किक मिलती रही है. तिहाड़ जेल (Tihar Jail) में बंद 200 करोड़ रुपये की रंगदारी वसूल करने वाले सुकेश चंद्रशेकर को भी हर अपराध करने के बाद किक मिलती रही और वो कभी मंत्री का बेटा बनकर तो कभी मुख्यमंत्री का पोता बन कर, कभी सुप्रीम कोर्ट का जज बन कर तो कभी कानून मंत्री का पीए बनकर अपराध जगत की सीढियां चढ़ता गया. यहां तक कि आज सुकेश की जितनी उम्र है उतने ही उसपर केस दर्ज हैं. युवावस्था के पहले मुकाम पर उसका पहला कारनामा लगभग सवा करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का था. सुकेश चंद्रशेकर पर मुकदमें किसी एक जगह पर दर्ज नहीं हैं, बैंगलोर से मुंबई होते हुए दिल्ली तक इसके अपराधों की लंबी फेहरिस्त है और जांच करने वाली एजेंसियों में पुलिस के अलावा सीबीआई औ...