विधानसभा चुनावों की तपन और रुख बदलती सियासी पवन
- ऋतुपर्ण दवे
पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे के बाद कांग्रेस और भाजपा में जिस तरह से उठापटक का नजारा दिख रहा है वो नया नहीं है। लेकिन नवंबर-2023 में होने जा रहे पाँच राज्यों के विधानसभा चुनाव जरूर तमाम रणनीतिक गतिविधियों के चलते अलग नजर आ रहे हैं। जिस रास्ते भाजपा और काँग्रेस चल रही है वह खुद बड़ा संकेत है। भाजपा ने भले मध्य प्रदेश से बेहद पुरानी शुरुआत को नए लिबास में कर तीनों अहम हिन्दी पट्टी राज्यों में भी प्रयोग दोहरा, मौजूदा सांसदों या केन्द्रीय मंत्रियों को जंग में उतार तमाम दिग्गजों सहित खुद भाजपाइयों को अचरज में डाल दिया। इसकी खबर प्रत्याशी के सिवाय किसी को कानों कान नहीं थी। इसी तरह काँग्रेस ने भी भाजपा से आए लोगों को टिकट देने में गुरेज न कर बड़ा दाँव खेला है। अब दोनों ही दल कार्यकर्ताओं के विरोध को झेल रहे हैं। लेकिन आखिर में हमेशा की तरह सब ठीक हो...