Friday, November 22"खबर जो असर करे"

Tag: Political Parties

कितना जायज है ईवीएम पर सवाल?

कितना जायज है ईवीएम पर सवाल?

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- सुरेश हिन्दुस्तानी देश में प्रायः हर उस चुनाव के बाद विद्युतीय मतदान मशीन (इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन) पर सवाल उठते रहे हैं, जब किसी भी विपक्ष की सरकार नहीं बन पाती। इस बार भी लोकसभा चुनाव के बाद देर से ही सही, लेकिन (इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन) ईवीएम पर सवाल उठने लगे हैं। हालांकि अभी स्वर इसलिए भी धीमे हैं, क्योंकि लोकसभा चुनाव में विपक्ष के राजनीतिक दलों ने अपनी ताकत बढ़ाकर एक मजबूत विपक्ष बनने का रास्ता तैयार कर लिया है। देश के राजनीतिक इतिहास में ऐसा दृश्य पहली बार दिख रहा है, जब विपक्ष सरकार बनाने से दूर रहकर भी अपनी विजय का अहसास करा रहा है। इसके विपरीत सत्ता पाने वाले राजग इस बात की समीक्षा कर रहा है कि उसकी सीटें कम कैसे हो गईं। जबकि यह समीक्षा विपक्षी दलों को करना चाहिए। खैर… बात हो रही थी ईवीएम की। इस लोकसभा चुनाव से पूर्व भी भाजपा के नेतृत्व में दो बार केंद्र में सरकार बनी, तब भ...
जनता-जनार्दन की जय!

जनता-जनार्दन की जय!

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- गिरीश्वर मिश्र इस बार देश में चल रहा चुनावी महाभारत कुछ ज्यादा ही लम्बा खिंच रहा है और कई महारथी पशोपेश में पड़ते दिख रहे हैं। सेनापतियों पर शामत आ रही है कि वे अपनी-अपनी सेना को कैसे संभालें? तेज गर्मी और लू के मौसम में महीने भर से कुछ ज्यादा चलने वाले गणतंत्र के इस लोक-उत्सव में राजनीतिक पार्टियों को बीच-बीच में सांस लेने का अवसर मिल पा रहा है यह कुछ राहत की बात है। पर ‘स्टैमिना’ बनाए रखने के लिए जरूरी राजनीतिक दांवपेंच कम पड़ रहे हैं और कई दलों की तैयारी कुछ ढीली पड़ती नजर आ रही है । बेहद बुजुर्ग हो रहे नेताओं को कमान संभालने में थकान भी जाहिर है पर अगली (या दूसरी) कतार के नेता ज्यादातर बयानबाजी में मशगूल हैं । चूंकि बहुत से नेता ऊपर से थोपे हुए हैं उनकी जन-रुचि बेहद सतही होती है और उनके खोखले हो रहे जन-लगाव की पोल जल्दी ही खुलती जाती है। ऐसे में नेतागण पर थोड़ी देर के लिए ही सह...
सत्ता की चाबी युवाओं के हाथ

सत्ता की चाबी युवाओं के हाथ

अवर्गीकृत
- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के लोकसभा चुनाव में अब लगभग साफ हो गया है कि सत्ता की चाबी युवा मतदाताओं के हाथ में ही रहने वाली है। यह बात राजनीतिक दलों को भी समझ में आ गई है। यही कारण है कि सभी प्रमुख राजनीतिक दलों द्वारा युवाओं को रिझाने के हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं। दरअसल युवा मतदाताओं की मुखरता ही चुनाव परिणामों में परिलक्षित होती है। साफ है कि लोकसभा के पिछले दो चुनावों में युवा मतदाताओं का रुझान नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के प्रति रहा है। हालांकि मजे की बात यह है कि जिन प्रदेशों में क्षेत्रीय दलों की सरकार रही हैं उन प्रदेशों के युवाओं ने क्षेत्रीय पार्टी को अधिक तरजीह दी है। इससे यह तो नहीं कहा जा सकता कि युवा केवल भाजपा के साथ ही है अपितु युवाओं का रुझान नेशनल और स्टेट पॉलिटिक्स को लेकर अलग-अलग देखा जाता रहा है। हालांकि यह भी इंट्रेस्टिं...
MP Assembly Elections:  राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों के लिए दिशा निर्देश

MP Assembly Elections: राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों के लिए दिशा निर्देश

देश, मध्य प्रदेश
- राजनैतिक दल या अभ्यर्थी ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल न हों जो विधि के अधीन भ्रष्ट आचरण एवं अपराध है भोपाल (Bhopal)। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में 9 अक्टूबर से विधानसभा निर्वाचन-2023 (MP Assembly Elections) की आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील है। भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) द्वारा आदर्श चुनाव आचरण संहिता के संबंध में राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। यह जानकारी मंगलवार को जनसम्पर्क अधिकारी राजेश दाहिमा ने दी। उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार सामान्य आचरण के तहत किसी भी राजनीतिक दल या अभ्यर्थी को ऐसी किसी गतिविधि में शामिल नहीं होना चाहिए, जिससे भिन्न जातियों और धार्मिक या भाषायी समुदायों के बीच विद्यमान मतभेद अधिक गंभीर हो सकते हैं या परस्पर नफरत हो सकती है या तनाव पैदा हो सकता है। यदि राजनीतिक द...
मप्रः मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने राजनीतिक दलों को दी आदर्श आचरण संहिता के बारे में जानकारी

मप्रः मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने राजनीतिक दलों को दी आदर्श आचरण संहिता के बारे में जानकारी

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन (Chief Electoral Officer Anupam Rajan) ने मंगलवार को निर्वाचन सदन में मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय राजनीतिक दलों (recognized national political parties) के साथ बैठक की और प्रदेश में विधानसभा निर्वाचन 2023 ( Assembly Elections 2023) के संबंध में लागू हुई आदर्श आचरण संहिता (Model Code of Conduct implemented) के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मतदाता पर्ची का वितरण नाम निर्देशन की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर के पश्चात एवं 13 नवंबर के पूर्व पूर्ण कर लिया जाएगा। प्रदेश में कुल मतदान केंद्रों की संख्या 64 हजार 523 है। निर्वाचन में प्रत्येक उम्मीदवार द्वारा अधिकतम 4 फॉर्म भरे जा सकेंगे। उम्मीदवार द्वारा नामांकन भरते समय फीस 10 हजार रुपये निर्धारित है। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थी के लिए फी...
विपक्षी एकता के निहितार्थ

विपक्षी एकता के निहितार्थ

अवर्गीकृत
- सुरेश हिन्दुस्थानी राजनीति में कब क्या हो जाए कुछ भी विश्वास के साथ नहीं कहा जा सकता। आज से कुछ ही दशक पूर्व जिस प्रकार से विपक्ष के राजनीतिक दल कांग्रेस को सत्ता से हटाने के लिए भरसक प्रयास करते थे, वैसे ही प्रयास आज भी हो रहे है। इस बार के प्रयासों में कांग्रेस और जुड़ गई है। विगत दो लोकसभा के चुनावों के परिणाम स्वरूप देश में जो राजनीतिक हालात बने हैं, उसमें स्वाभाविक रूप से विपक्ष अपनी जमीन को बचाने की कवायद करने की ओर चिंतन और मंथन करने लगा है। इसके लिए विपक्षी एकता के फिर से प्रयास भी होने लगे हैं। एकता के प्रयोग के लिए इस बार बिहार की भूमि को चुना है। इसलिए स्वाभाविक रूप से कहा जा सकता है कि इस प्रयास में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुखिया की भूमिका में होंगे। हालांकि नीतीश कुमार के बारे में राजनीतिक विश्लेषक यह खुले तौर से स्वीकार करने लगे हैं कि नीतीश कुमार अपनी स्वयं की ...