Friday, September 20"खबर जो असर करे"

Tag: PM Narendra Modi

यह तो ‘गठबंधन’ ही सनातन विरोधी है!

यह तो ‘गठबंधन’ ही सनातन विरोधी है!

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- मृत्युंजय दीक्षित देश में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी कमर कस ली है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन इस बार और बेहतर प्रदर्शन करने की दिशा में आगे बढ़ चुका है। विपक्ष भी आईएनडीआईए बनाकर हुंकार भर रहा है। वर्ष 2023 में हुए कुल नौ राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हिमाचल प्रदेश , कर्नाटक व तेलंगाना में विजय प्राप्त हुई है। मगर इस गठबंधन में कई पेंच इतनी बुरी तरह से उलझ गए हैं कि सुलझना कठिन होता जा रहा है। भाजपा राम मंदिर, सनातन संस्कृति के उत्थान और विकसित भारत संकल्प यात्रा के बल पर लगातार आगे बढ़ती जा रही है। मगर विपक्ष का गठबंधन अभी तक चार बैठकों के बावजूद संयोजक का नाम तक तय नहीं कर पाया है। 19 दिसंबर को बैठक में कांग्रेस ने गठबंधन में शामिल दलों से सीट साझा करने पर चर्चा करने के लिए एक पांच सदस्यीय कमेट...
नये भारत के विकास की नई इबारत

नये भारत के विकास की नई इबारत

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- डॉ. दिलीप अग्निहोत्री प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दूरदर्शी नीतियों, समर्पण और टीम भावना के साथ देश के लोकतंत्र को एक नई दिशा दी है। भारत आत्मनिर्भर, स्वावलंबी, और विकसित बनने की दिशा में अग्रसर है। मोदी सरकार का प्रत्येक निर्णय लोक कल्याण और राष्ट्रीय हित के अनुरूप है। दशकों से लंबित फैसलों को लागू किया। लंबित परियोजनाओं को पूरा किया गया। कोरोना के बाद अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाना दुनिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी। मगर भारत की अर्थव्यवस्था अब भी विकास की राह पर है। बीस लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत पैकेज के सहारे भारत की विकास यात्रा को नई गति मिली है। देश आत्मनिर्भरता की राह पर बढ़ा है। इस विकास यात्रा की झलक देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने काशी दीनदयाल हस्तकला संकुल ट्रेड सेंटर में इक्यावनवें राष्ट्रीय कंपनी सचिव सम्मेलन के संबोधन में दिखी। उन्होंने विकास की दिशा मे...
अमृतकाल और अखंड भारत का प्रतिबिंब

अमृतकाल और अखंड भारत का प्रतिबिंब

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- जी. किशन रेड्डी लाल किले की प्राचीर से 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था- 'यह देश प्राचीन सांस्कृतिक विरासत की ऐसी आधारशिला पर बना है, जहां वैदिक काल में हमें केवल एक ही मंत्र बताया जाता था…जिसे हमने सीखा है, जिसे हमने याद किया है–'संगच्छध्वं संवदध्वं सं वो मनांसि जानताम्।' अर्थात हम साथ चलते हैं, हम साथ आगे बढ़ते हैं, हम साथ मिलकर सोचते हैं, हम मिलकर संकल्प लेते हैं और हम साथ मिलकर इस देश को आगे ले जाते हैं। प्रधानमंत्री ने तब एक ऐसे भारत के लिए अपना दृष्टिकोण अर्थपूर्ण तरीके से सामने रखा जिसमें प्रत्येक भारतीय का साझा लक्ष्य था। उन्होंने ऐसे भविष्य का संकेत दिया था, जहां जनभागीदारी सबसे मजबूत हथियार के रूप में और विश्व गुरु के रूप में सत्ता के शिखर पर उभरेगी। इसके बाद प्रधानमंत्री ने कैलेंडर पर एक महत्वपूर्ण तिथि अंकित की 'राष्ट्रीय एकता दिवस' के रूप में 31 अक्टूबर। यह भार...
मोदीवाद की धुरी में विकासवाद

मोदीवाद की धुरी में विकासवाद

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- महेश वर्मा साल 2014 में नरेन्द्र मोदी के भारत के प्रधानमंत्री का पदभार संभालने के साथ राष्ट्र में परिवर्तनकारी विकास का हुआ है। मोदीवाद ने इतने विशाल स्तर पर विकास की संकल्पना को साकार किया, जिसके बारे में भारत ने कभी कल्पना नहीं की थी। उनका नेतृत्व अपने साथ इतने बड़े पैमाने पर विकास का वादा लेकर आया जो भारत ने पहले कभी नहीं देखा था। बुनियादी ढांचे का विकासः मोदी युग का सबसे उल्लेखनीय और पहला पहलू है, बुनियादी ढांचे का विकास। मोदीवाद में स्पष्ट था कि जब तक बुनियादी ढांचे का विकास नहीं किया जाता है, तब तक समेकित विकास की कल्पना करना मुश्किल है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने राजमार्गों, रेलवे, हवाई अड्डों और बंदरगाहों के विकास व निर्माण में भारी वृद्धि देखी। उदाहरण के लिए, 'भारतमाला' परियोजना का लक्ष्य 6 लाख करोड़ रुपये से अधिक के नियोजित निवेश के साथ देश में सड़क कनेक्टिविटी...
आयुष्मान भारत से आयुष्मान भव: तक…

आयुष्मान भारत से आयुष्मान भव: तक…

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- डॉ. मनसुख मांडविया प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने 2018 में आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की थी। इस योजना की शुरुआत राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, 2017 के प्रावधानों के तहत 'सबको स्वास्थ्य' की परिकल्पना को साकार करने के लक्ष्य के साथ की गई थी। आयुष्मान भारत योजना के तहत देश के कोने-कोने में रह रहे लोगों तक व्यापक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया था। इसके तहत बचाव और जागरूकता से लेकर प्राइमरी, सेकेंडरी और टर्शियरी स्तर तक बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं कैसे सुनिश्चित हों, इसकी पूरी व्यवस्था हेल्थ ऐंड वेलनेस सेंटर्स और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के माध्यम से की गई। मोदी सरकार का लक्ष्य यह है कि देश के हर कोने में रह रहे जन-जन तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचें। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए ही आयुष्मान भव: अभियान लॉन्च किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 13 सितंबर को इस ...
महिला आरक्षण पर मचेगी श्रेय लेने की होड़

महिला आरक्षण पर मचेगी श्रेय लेने की होड़

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- डॉ. प्रभात ओझा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हर काम का अपना ढंग है। लोकसभा में ‘128वां संविधान संशोधन विधेयक 2023' पेश किया जा चुका है। मोदी ने इसे ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ नाम दिया है। इस विधेयक के पारित होने और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ यह कानून लोकसभा और देशभर की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत स्थान सुनिश्चित कराएगा। खास बात यह है कि कुछ क्षेत्रीय दलों के ना- नुकुर के मुकाबले इस विधेयक को सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस, दोनों का ही समर्थन हासिल है। स्पष्ट है कि विधेयक के कानून बनने में कोई अड़चन नहीं है। मुद्दा यह है मोदी सरकार ने यह राजनीतिक कदम लोकसभा, 2024 के चुनाव के ठीक पहले क्यों उठाया ? कांग्रेस भी सरकार का इतनी सहजता से समर्थन क्यों कर रही है? क्या इस बिल के कानून बनने के बाद 2024 के चुनाव से ही 33 फीसद महिला सांसद चुनी जायेंगी? इन सवालों के जवाब ...
प्रधानमंत्री का व्यापक दृष्टिकोण: भारत का स्वर्ण युग

प्रधानमंत्री का व्यापक दृष्टिकोण: भारत का स्वर्ण युग

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- पीयूष गोयल लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की प्रगति और समृद्धि से जुड़े लंबे समय तक चलने वाले स्वर्ण युग के संबंध में अपने व्यापक दृष्टिकोण को अभिव्यक्ति दी, क्योंकि माँ भारती हजारों वर्षों की गुलामी, अधीनता और दरिद्रता के बाद, आत्मविश्वास के साथ फिर से गौरव प्राप्त कर रही है। नरेन्द्र मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं, जिनका जन्म आजादी के बाद हुआ है। प्रधानमंत्री देश के भविष्य के प्रति बहुत आशान्वित हैं। उनका आत्मविश्वास पिछले नौ साल में प्रगति के लिए किए गए अथक परिश्रम के बाद हुई ठोस प्रगति पर आधारित है। 140 करोड़ देशवासियों के धर्म, क्षेत्र, लिंग, जाति, उम्र या जातीय पहचान के आधार पर बिना कोई भेदभाव किए ये प्रयास किए गए हैं। मोदी सरकार की प्रत्येक नीति उनके 'सुधार, प्रदर्शन और बदलाव' के मंत्र को दर्शाती है, जो विशेष रूप से गरीबों और वंचितों को लाभान्वित कर रही है...
युवा सपनों की उड़ान ‘ग्राम ज्ञानालय’

युवा सपनों की उड़ान ‘ग्राम ज्ञानालय’

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कल्पनाएं जब सजती और संवरती हैं तो उम्मीदों को पंख लग जाते हैं। इरादे और हौसले मजबूत हो जाते हैं। मंजिल खुद-ब-खुद तय हो जाती है। पूर्वांचल के भदोही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ग्रामीण विकास की सोच जमीन पर उतरती दिखती है। भदोही कालीन का हब है। यहां कालीन तैयार होते हैं। देश के नए संसद भवन में भदोही की कालीन बिछाई गई हैं। पूर्वांचल में वैसे अच्छे खासे शैक्षिक संस्थान हैं। काशी हिंदू विश्वविद्यालय और संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय यहां की शैक्षणिक और सांस्कृतिक धरोहर हैं। लेकिन पूर्वांचल की 70 फीसदी आबादी कृषि अर्थव्यवस्था पर निर्भर है। यहां पलायन अधिक है। आर्थिक विपन्नता की वजह से युवाओं के प्रतियोगी स्पर्धा के सपने अधूरे रह जाते हैं। लेकिन उन सपनों को पूरा करने के लिए भदोही जनपद से शुरू हुई एक नवाचार की पहल उत्तर प्रदेश और देश के लिए एक मिसाल बनती दिखती...
राष्ट्रीय एकता के लिए एक समान कानून जरूरी

राष्ट्रीय एकता के लिए एक समान कानून जरूरी

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- हृदयनारायण दीक्षित समान नागरिक संहिता अपरिहार्य है। यह राष्ट्र राज्य का संवैधानिक कर्तव्य है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे आवश्यक बताया है। मोदी ने समान नागरिक संहिता को राष्ट्र की जरूरत बताते हुए कहा कि, इसके नाम पर कुछ दल मुस्लिमों को भड़का रहे हैं। उन्होंने इसके विरोध पर सवाल उठाते हुए कहा कि, एक घर एक परिवार में प्रत्येक सदस्य के लिए अलग अलग कानून हों तो वह परिवार कैसे चल पाएगा? उन्होंने याद दिलाया कि `सर्वोच्च न्यायालय ने भी समान नागरिक संहिता लागू करने की बात की थी। लेकिन वोटबैंक राजनीति करने वाले इसका विरोध कर रहे हैं।' आखिरकार विश्वास आधारित सांप्रदायिक समूहों के लिए अलग अलग कानून कैसे हो सकते हैं। संविधान निर्माताओं ने प्रत्येक नागरिक के लिए एक समान नागरिक संहिता प्राप्त करने का कर्तव्य (अनुच्छेद 44) राष्ट्र राज्य को सौंपा है। समान सिविल संहिता राष्ट्रीय एकता के लिए भी अनिव...