Friday, November 22"खबर जो असर करे"

Tag: plight

चीन में मुस्लिमों की दुर्दशा पर कब आवाज उठाएंगे ईरान-सऊदी

चीन में मुस्लिमों की दुर्दशा पर कब आवाज उठाएंगे ईरान-सऊदी

अवर्गीकृत
- आर.के. सिन्हा बताया जा रहा है कि एक-दूसरे के धुर विरोधी रहे सऊदी अरब और ईरान ने अपनी सारी पुरानी अदावत को भूलकर दोस्ती करने का फैसला किया है। इन दोनों देशों को करीबी लाने का श्रेय अब हैरानी की बात यह है कि चीन को दिया जा रहा है। दरअसल सऊदी अरब में एक शिया मौलवी को 2016 में फांसी की सजा दी गई थी और इसी मुद्दे पर 2016 में सऊदी अरब और ईरान के कूटनीतिक संबंध खत्म हो गए थे। तब से ये दोनों देश एक-दूसरे के जानी दुश्मन बन गए थे। सऊदी अरब खुद को सरी दुनिया के सुन्नी मुसलमानों का रहनुमा मानता है और ईरान अपने को शिया मुसलमानों का। ऐसे में इन दोनों के कूटनीतिक रिश्ते बहाल करने के फैसले से सारी दुनिया कुछ हैरान तो अवश्य है। आप जानते हैं कि दोनों ही देश तेल उत्पादक देश हैं। दोनों ही देश अपने व्यवसायिक दिलचस्पी के वर्चस्व की लड़ाई लड़ते हैं पर यहां एक जरूरी चिंता को नजरअंदाज किया जा रहा है। क्या सऊदी...
भारत में शिक्षा की दुर्दशा

भारत में शिक्षा की दुर्दशा

अवर्गीकृत
- डॉ. वेदप्रताप वैदिक भारत में शिक्षा की कितनी दुर्दशा है, इसका पता यूनेस्को की एक ताजा रपट से चल रहा है। 75 साल की आजादी के बावजूद एशिया के छोटे-मोटे देशों के मुकाबले भारत क्यों पिछड़ा हुआ है, इसका मूल कारण यह है कि हमारी सरकारों ने शिक्षा और चिकित्सा पर कभी समुचित ध्यान दिया ही नहीं। इसीलिए देश के मुट्ठीभर लोग अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाते हैं और निजी अस्पतालों में अपना इलाज करवाते हैं। देश के 100 करोड़ से भी ज्यादा लोगों के बच्चे उचित शिक्षा-दीक्षा से और वे लोग पर्याप्त चिकित्सा से वंचित रहते हैं। यूनेस्को ने भारत में खोज-पड़ताल करके बताया है कि देश के 73 प्रतिशत माता-पिता अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाना पसंद नहीं करते हैं, क्योंकि वहां पढ़ाई का स्तर घटिया होता है। वहां से पढ़े हुए बच्चों को ऊंची नौकरियां नहीं मिलती हैं, क्योंकि उनका अंग्रेजी ज्ञान कमजोर होता है। हमारी ...

चीनी मुसलमानों की दुर्दशा

अवर्गीकृत
- डा. वेदप्रताप वैदिक संयुक्तराष्ट्र संघ की मानव अधिकार परिषद ने चीन को कठघरे में खड़ा कर दिया है। उसकी ताजा रपट में उसने बताया है कि चीन के शिन च्यांग (सिंक्यांग) प्रांत के लगभग दस लाख उइगरों को यातना शिविरों में बंद करके रखा हुआ है। ये उइगर मुसलमान हैं। ये दिखने में भी चीनियों से अलग दिखते हैं। उनका सिंक्यांग प्रांत हमारे लद्दाख से लगा हुआ है। सैकड़ों सालों से पैदल रास्ते चीन जानेवाले और वहां से आनेवाले व्यापारी, विद्वान, यात्रीगण इसी रास्ते से आया-जाया करते थे। उइगरों का यह क्षेत्र सदियों से चीनी वर्चस्व के बाहर रहा है। कम्युनिस्ट शासन की स्थापना होने के पहले इस उइगर-क्षेत्र में आजादी का आंदोलन चलता रहा है लेकिन जब से चीन में कम्युनिस्ट शासन स्थापित हुआ है, उइगर मुसलमानों को बड़ी बेरहमी से दबाया गया है। कुछ उइगर नेताओं और व्यापारियों को अपना हथियार बनाकर चीनी सरकार उन पर निरंतर जुल्म करत...

ममता सरकार की दुर्दशा

अवर्गीकृत
- डॉ. वेदप्रताप वैदिक पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सरकार भयंकर दुर्गति को प्राप्त हो गई है। कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था कि ममता बनर्जी की सरकार इतने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार कर सकती है। ममता के राज में मैं जब-जब कोलकाता गया हूं, वहां के कई पुराने उद्योगपतियों और व्यापारियों से बात करते हुए मुझे लगता था कि ममता के डर के मारे अब वे कोई गलत-सलत काम नहीं कर पा रहे होंगे लेकिन उनके उद्योग और व्यापार मंत्री पार्थ चटर्जी को पहले तो जांच निदेशालय ने गिरफ्तार किया और फिर उनके निजी सहायकों, मित्रों और रिश्तेदारों के घरों से जो करोड़ों रुपये की नकदी पकड़ी गई है, उन्हें टीवी चैनलों पर देखकर दंग रह जाना पड़ता है। अभी तो उनके कई फ्लैटों पर छापा पड़ना बाकी है। पिछले एक सप्ताह में जो भी नकदी, सोना, गहने आदि छापे में मिले हैं, उनकी कीमत 100 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का ही अनुमान है। यदि जांच निदेशालय के...