श्राद्ध: पितरों का सबसे बड़ा पर्व
- योगेश कुमार गोयल
अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति विसर्जन के साथ ही गणेशोत्सव का समापन हो जाता है और उसके अगले दिन से पितृ पक्ष शुरू होता है, जो प्रायः भाद्रपद माह की पूर्णिमा से शुरू होकर पितृमोक्षम अमावस्या तक प्रायः 16 दिनों का होता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार पितृ पक्ष की तिथि इस वर्ष 10 सितम्बर से आरंभ होकर 25 सितंबर तक रहेगी। हिन्दू धर्म में पितृ पक्ष को बहुत अहम माना गया है लेकिन इस दौरान शुभ और मांगलिक कार्य वर्जित रहते हैं। पितृ पक्ष में सगाई, विवाह, मुंडन, गृहप्रवेश, परिवार के लिए महत्वपूर्ण चीजों की खरीददारी, नए कपड़े खरीदना, कोई नया कार्य शुरू करना इत्यादि कोई भी शुभ कार्य करना अच्छा नहीं माना जाता। पितृ पक्ष में लोग अपने पूर्वजों को याद कर उनकी आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म, पिंडदान और तर्पण करते हैं।
दरअसल हिन्दू धर्म में मृत्यु के पश्चात् पितरों की याद में श्राद्ध किया जा...