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धारःभोजशाला में 87वें दिन मिला शिलालेख का टुकड़ा, दीवार और खंभों के अवशेष

धारःभोजशाला में 87वें दिन मिला शिलालेख का टुकड़ा, दीवार और खंभों के अवशेष

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ के आदेश पर धार की ऐतिहासिक भोजशाला में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग का सर्वे रविवार को 87वें दिन भी जारी रहा। एएसआई के 10 अधिकारियों की टीम 36 श्रमिकों के साथ सुबह आठ बजे भोजशाला परिसर में पहुंची और शाम पांच बजे बाहर आई। यहां टीम ने आधुनिक उपकरणों के जरिए वैज्ञानिक पद्धति से करीब नौ घंटे काम किया। सर्वे टीम के साथ हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा, आशीष गोयल और मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद खान भी मौजूद रहे। ज्ञानव्यापी की तर्ज पर जारी सर्वे के 87वें दिन भोजशाला में गर्भगृह के उत्तर-पूर्व दिशा में खुदाई और मिट्टी हटाने का काम किया गया। इस दौरान तीन दीवार के और खंभों के अवशेष मिले हैं। साथ ही एक शिलालेख का टुकड़ा भी मिला है। एएसआई की टीम द्वारा अंदर जो पहले मिट्टी हटाई गई थी, आज उसका लेबलिंग का काम भी जारी रहा। सर्वे टीम के साथ...
धारः भोजशाला में 76वें दिन एएसआई सर्वे में मिले स्तंभ के तीन बड़े पाषाण अवशेष

धारः भोजशाला में 76वें दिन एएसआई सर्वे में मिले स्तंभ के तीन बड़े पाषाण अवशेष

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय (Madhya Pradesh High Court) की इंदौर खंडपीठ (Indore Bench ) के आदेश पर धार की ऐतिहासिक भोजशाला (historical Bhojshala of Dhar) में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग (Archaeological Survey of India (ASI) Department ) का सर्वे (Survey) बुधवार को 76वें दिन भी जारी रहा। एएसआई के नौ अधिकारियों की टीम 40 श्रमिकों के साथ सुबह आठ बजे भोजशाला परिसर में पहुंची और शाम पांच बजे बाहर आई। यहां टीम ने आधुनिक उपकरणों के जरिए वैज्ञानिक पद्धति से करीब नौ घंटे काम किया। सर्वे टीम के साथ हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा, आशीष गोयल और मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद खान भी मौजूद रहे।   ज्ञानव्यापी की तर्ज पर चल रहे एएसआई सर्वे के 74वें दिन मजदूरों की संख्या अधिक होने से भोजशाला परिसर में मिट्टी हटाने का काम तेजी से हुआ, लेकिन अधिकारियों की संख्या होने से सर्वे के क...
धारःभोजशाला में 70वें दिन खुदाई में मिले स्तंभों के अवशेष और पुराने बर्तनों के टुकड़े

धारःभोजशाला में 70वें दिन खुदाई में मिले स्तंभों के अवशेष और पुराने बर्तनों के टुकड़े

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय (Madhya Pradesh High Court) की इंदौर खंडपीठ (Indore Bench ) के आदेश पर धार की ऐतिहासिक भोजशाला (historical Bhojshala of Dhar) में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग (Archaeological Survey of India (ASI) Department) का सर्वे (Survey) गुरुवार को 70वें दिन भी जारी रहा। एएसआई के नौ अधिकारियों की टीम 39 श्रमिकों के साथ सुबह आठ बजे भोजशाला परिसर में पहुंची और शाम पांच बजे बाहर आई। यहां टीम ने आधुनिक उपकरणों के जरिए वैज्ञानिक पद्धति से करीब नौ घंटे काम किया। सर्वे टीम के साथ हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा, आशीष गोयल और मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद खान भी मौजूद रहे। ज्ञानव्यापी की तर्ज चल रहे सर्वे के 70वें दिन खुदाई का काम जारी रहा। आज दो स्थानों पर दिनभर काम चला। गर्भ ग्रह एवं यज्ञ कुंड के बिल्डिंग के दक्षिण एवं उत्तरी भाग में मिट्टी हटाने का काम किया ग...
मप्रः धार की ऐतिहासिक भोजशाला में 16वें दिन हटाई गई मिट्टी, खंभों का लिया माप

मप्रः धार की ऐतिहासिक भोजशाला में 16वें दिन हटाई गई मिट्टी, खंभों का लिया माप

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय (Madhya Pradesh High Court) की इंदौर खंडपीठ (Indore Bench ) के आदेश पर धार (Dhar) की ऐतिहासिक भोजशाला (historical Bhojshala ) में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग (Archaeological Survey of India (ASI) Department) का सर्वे (Survey) शनिवार को 16वें दिन भी जारी रहा। दिल्ली और भोपाल के अधिकारियों की टीम ने सुबह आठ बजे भोजशाला परिसर में प्रवेश किया और शाम पांच बजे बाहर निकली। इस दौरान टीम ने आधुनिक उपकरणों के जरिए वैज्ञानिक पद्धति से करीब नौ घंटे काम किया। सर्वे टीम के साथ हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा, आशीष गोयल और मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद खान भी मौजूद रहे। केंद्रीय पुरातत्व विभाग के अधीन धार की भोजशाला का वैज्ञानिक पद्धति से सर्वे किया जा रहा है। शनिवार को एएसआई के अधिकारियों द्वारा चार अलग-अलग टीम बनाकर भोजशाला के परिसर के अंदर और परिसर के बा...
लोकतंत्र में अपनी बात कहने के कई रास्ते, संविधान के आधार स्तम्भ को तो मत हिलाओ!

लोकतंत्र में अपनी बात कहने के कई रास्ते, संविधान के आधार स्तम्भ को तो मत हिलाओ!

अवर्गीकृत
- डॉ. मयंक चतुर्वेदी संसद को लोकतंत्र के मंदिर के रूप में देखा जाता है। भारतीय संसद न सिर्फ कानून बनाती है, बल्कि देश कैसे चलेगा, भारत के लोक का भविष्य क्या होना चाहिए, उसके लिए कौन से निर्णय लेने के साथ समाज की व्यवस्थाओं से लेकर लोक कल्याणकारी राज्य शासन के लिए जो भी कुछ श्रेष्ठ किया जा सकता है या किया जाना चाहिए वह सभी निर्णय लेने और उसके लिए कोष उपलब्ध कराने का काम यही संसद करती है। ऐसे में राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री करने का जो मामला हुआ है, उसने आज बहुत कुछ सोचने में मजबूर कर दिया है। क्या हम ऐसा करके अपनी ही संवैधानिक संस्थाओं की मर्यादा तार-तार नहीं कर रहे? अभी यही काम संविधान की एक अन्य स्तम्भ कही जानेवाली न्यायपालिका के प्रमुख को लेकर किया जाता तो क्या होता? आप विचार करिए। इस मामले में स्थिति की गंभीरता समझिए कि देश की 'राष्ट्रपति' तक को कहना पड़ रहा है कि जो...