Friday, November 22"खबर जो असर करे"

Tag: philosophy

भारतीय दर्शन और संस्कृति जैसी श्रेष्ठता कहीं नहीं

भारतीय दर्शन और संस्कृति जैसी श्रेष्ठता कहीं नहीं

अवर्गीकृत
- अरुण कुमार दीक्षित स्वामी विवेकानंद ने भारतीय दर्शन को दुनिया के देशों में प्रचारित किया। उन्होंने पूरे विश्व को यह सन्देश देने का प्रयास किया कि भारतीय दर्शन और संस्कृति जैसी श्रेष्ठता कहीं नहीं है। हम पूरी पृथ्वी पर एक श्रेष्ठतम राष्ट्र हैं। हम सभी सभ्यताओं का स्वागत करते हैं। हम गहन तमस से भरे विश्व को मार्ग दिखा सकते हैं। हम सब भारत के लोग एक गौरवशाली संस्कृति के वाहक हैं। हमारा सामना विश्व की भोग विलास में लिप्त संस्कृतियां नहीं कर सकती। हम भारत के लोग बर्बर नही हैं। हम भिन्न भाषा-भाषी संस्कृतियों, बोलियों को आत्मसात करते हुए चलते हैं। भारत की संस्कृति में हमेशा उच्चतम विचारों को प्राथमिकता दी गयी है। हम किसी को मतान्तरित कर अपनी संख्या नहीं बढ़ाते। हम युद्ध के माध्यम से साम्राज्य का विस्तार करने वाली संस्कृति के पुत्र नहीं हैं। हम पूरी दुनिया को परिवार मानने वाले हैं। हमारा राष्ट्र...
प्रासंगिक है भगवान महावीर का अहिंसा दर्शन

प्रासंगिक है भगवान महावीर का अहिंसा दर्शन

अवर्गीकृत
- योगेश कुमार गोयल ‘अहिंसा परमो धर्मः’ सिद्धांत के लिए जाने जाते रहे भगवान महावीर का अहिंसा दर्शन आज के समय में सर्वाधिक प्रासंगिक और जरूरी हो गया है क्योंकि वर्तमान समय में मानव अपने स्वार्थ के वशीभूत कोई भी अनुचित कार्य करने और अपने फायदे के लिए हिंसा के लिए भी तत्पर दिखाई देता है। आज के परिवेश में हम जिस प्रकार की समस्याओं और जटिल परिस्थितियों में घिरे हैं, उन सभी का समाधान भगवान महावीर के सिद्धांतों और दर्शन में समाहित है। अपने जीवनकाल में उन्होंने ऐसे अनेक उपदेश और अमृत वचन दिए, जिन्हें अपने जीवन तथा आचरण में अमल में लाकर हम अपने मानव जीवन को सार्थक बना सकते हैं। भगवान महावीर के प्रमुख अमृत वचन - संसार के सभी प्राणी बराबर हैं, अतः हिंसा को त्यागिए और ‘जीओ व जीने दो’ का सिद्धांत अपनाइए। - जिस प्रकार अणु से छोटी कोई वस्तु नहीं और आकाश से बड़ा कोई पदार्थ नहीं, उसी प्रकार अहिंसा क...
अस्तित्व का संविधान है योग

अस्तित्व का संविधान है योग

अवर्गीकृत
- हृदयनारायण दीक्षित योग भारत का प्राचीन विज्ञान है। दर्शन भी है। इसकी स्वीकृति अंतरराष्ट्रीय है। 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस है। इस महापर्व की तैयारियां उल्लासधर्मा हैं। भारत के सभी क्षेत्रों राज्यों में योग दिवस के आयोजन होने जा रहे हैं। भारत के योग विज्ञान को अंतरराष्ट्रीय मान्यता दिलाने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को है। मोदी के प्रयास से 177 देशों ने योग की पक्षधरता की। भारतीय राष्ट्र जीवन में योग यत्र-तत्र सर्वत्र है। बिना प्रयास किसी का मिलना जुड़ना संयोग है। अलग हो जाना वियोग है। सहायक बना लेने का ज्ञान उपयोग है। आरोपित करना अभियोग है। वस्तुओं का उत्पादन करना उद्योग है। शक्ति का गलत प्रयोग दुरुपयोग है। शक्ति का प्रतिस्पर्धी प्रयोग प्रतियोग है। प्रतियोगिता शब्द इसी से बना है। ज्ञान को साधना का उपकरण बनाना ज्ञान योग है। भक्ति मार्ग भक्ति योग है। कर्म प्रधानता कर्म योग है...
भारत के आदर्शों, मूल्यों और दर्शन के जीवंत ऊर्जापुंज हैं दीपावली के दीपक : PM मोदी

भारत के आदर्शों, मूल्यों और दर्शन के जीवंत ऊर्जापुंज हैं दीपावली के दीपक : PM मोदी

देश
अयोध्या/नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने दीये की रोशनी (lamp light) को सबके साथ जुड़ाव और विश्व कल्याण का प्रतीक (symbol of world welfare) बताते हुए कहा कि दीपावली के दीपक (Deepawali lamps) हमारे लिए केवल एक वस्तु नहीं है। ये भारत के आदर्शों, मूल्यों और दर्शन के जीवंत ऊर्जापुंज हैं। प्रधानमंत्री ने रविवार को अयोध्या में भव्य दीपोत्सव (Grand Deepotsav in Ayodhya) का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि आज अयोध्या जी, दीपों से दिव्य हैं, भावनाओं से भव्य हैं, आज अयोध्या नगरी, भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण के स्वर्णिम अध्याय का प्रतिबिंब है। उन्होंने कहा कि हमने त्रेता की उस अयोध्या के दर्शन नहीं किए, लेकिन प्रभु श्रीराम के आशीर्वाद से आज हम अमृतकाल में अमर अयोध्या की अलौकिकता के साक्षी बन रहे हैं। हम उस सभ्यता और संस्कृति के वाहक हैं, पर्व और उत्स...