‘पर्सनल लोन’ लेने की बढ़ी रफ्तार, जानिए अर्थव्यवस्था पर क्या पड़ेगा असर ?
नई दिल्ली । बढ़ते ब्याज दर (Rate of interest) और महंगाई (inflation) के बीच पर्सनल लोन (personal loan) की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है. कोरोना महामारी में रोजगार संकट (employment crisis) और बढ़ते स्वास्थ्य खर्चे (health expenses) के बीच कमाई खर्च से आगे निकल गई. बैकों (banks) के आंकड़े बताते हैं कि इस अंतराल को भरने के लिए लोगों ने धड़ल्ले से पर्सनल लोन लेना शुरू कर दिया है.
परिवार का खर्च कमाई से ज्यादा होने से लोगों ने पहले तो बचत को निकालकर खर्च करना शुरू किया, जिसमें सावधि जमाओं (Fixed Deposits) और सोने को गिरवी रखकर लोन लेने का चलन बढ़ा. लेकिन कोरोना का कहर कम होने के साथ बकाया क्रेडिट कार्ड के रकम में उछाल आने लगी है. जिसका सीधा मतलब है कि लोग ज्यादा महंगे दर वाले लोन का जोखिम भी ज्यादा उठाने लगे हैं.
Why it matters
कुछ एक्सपर्ट का मानना है कि कर्ज अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ता है. ल...