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अवैध धर्मांतरण: राष्ट्र को बर्बाद करने का मार्ग

अवैध धर्मांतरण: राष्ट्र को बर्बाद करने का मार्ग

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- पंकज जगन्नाथ जयस्वाल दुनिया मुस्लिम कट्टरपंथ के खिलाफ लड़ रही है, जिस पर तलवार की नोक पर धर्मांतरण करने का आरोप है। एक खामोश क्रांति चल रही है, जिसके बारे में हममें से कोई भी जानना नहीं चाहता। यह इतनी सहज और सुनियोजित है कि लोगों को इसका अंदाजा ही नहीं है और वे पूरी तरह संतुष्ट हैं। कई ईसाई मिशनरियाँ धर्मांतरण के उद्देश्य से अनुसूचित जाति और जनजातियों को निशाना बना रही हैं। इन मिशनरियों को प्रभावित करने वाला सबसे महत्वपूर्ण तत्व उनकी वित्तीय और सहायता प्रणाली है। दो से अधिक वर्षों से, कई ईसाई मिशनरियों ने सनातन धर्म को मिटाने और भारत में ईसाई धर्म को स्थापित करने की कोशिश की है। 19वीं सदी के मिशनरी और आज के मिशनरी के बीच एकमात्र अंतर यह है कि पहले वाले ने सार्वजनिक रूप से इसकी घोषणा की, जबकि बाद वाले स्पष्ट कारणों से चुप हैं। प्यू रिसर्च के अनुसार, अधिकांश भारतीय ईसाई (54%) कर्म मे...
अग्निहोत्र यज्ञ है प्रदूषण मुक्ति का मार्ग

अग्निहोत्र यज्ञ है प्रदूषण मुक्ति का मार्ग

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- हृदयनारायण दीक्षित वैदिक साहित्य प्रकृति के प्रति आदर से भरा पूरा है। इस आस्था का तर्क संगत विज्ञान भी है। जर्मनी के डॉ. कुलरिच बर्क वैदिक अग्निहोत्र विज्ञान को कई देशों तक पहुंचा रहे हैं। डॉ. बर्क बर्लिन विश्वविद्यालय में गणित के प्राध्यापक रहे हैं और लगभग चार दशक से वैदिक विज्ञान में सक्रिय हैं। डॉ. बर्क ने 'व्हाट इज डन एंड व्हाट कैन बी डन विद अग्निहोत्र' शीर्षक से तीन सौ पृष्ठों का शोधपत्र बनाया। अग्निहोत्र विज्ञान पर उनके 20 से ज्यादा शोधपत्र विभिन्न देशों में प्रकाशित हुए हैं। डॉ. आरके पाठक बताते हैं कि, ''सूर्योदय के समय सम ऊर्जा, विद्युत् ऊर्जा उत्सर्जित होकर पृथ्वी को ऊर्जावान बनाती है। अग्निहोत्र से इसकी सकारात्मकता में वृद्धि होती है। इसी तरह सूर्यास्त के समय ऊर्जा का उत्सर्जन वापस वातावरण में मिलता है। उनके मुताबिक कई देशों में भारत के इस प्राचीन विज्ञान को अपनाया जा रहा है...
महर्षि वाल्मीकि: राम नाम के जाप ने बदल दी राह

महर्षि वाल्मीकि: राम नाम के जाप ने बदल दी राह

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- योगेश कुमार गोयल रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि की जयंती हर साल अश्विन मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है। इस वर्ष वाल्मीकि जयंती 28 अक्टूबर को है। मान्यता तो यह भी है कि महर्षि वाल्मीकि के सम्मान में उनकी जयंती रामायण काल से ही मनाई जा रही है। सनातन धर्म के प्रमुख ऋषियों में से एक महर्षि वाल्मीकि की संस्कृत में लिखी गई रामायण को सबसे प्राचीन ग्रंथ माना जाता है। संस्कृत के प्रथम महाकाव्य ‘रामायण’ की रचना करने के कारण ही उन्हें आदिकवि कहा जाता है। वाल्मीकिकृत रामायण समूचे विश्व में वेद तुल्य विख्यात है। यह 21 भाषाओं में उपलब्ध है। यह सनातन धर्म मानने वालों के लिए पूजनीय है। राष्ट्र की अमूल्य निधि रामायण का एक-एक अक्षर अमरता का सूचक और महापाप का नाशक है। वाल्मीकिकृत रामायण को ज्ञान-विज्ञान, भाषा ज्ञान, ललित कला, ज्योतिष शास्त्र, आयुर्वेद, इतिहास और राजनीति का केंद्र बिंदु माना जाता है। यह...
सांस्कृतिक पुनरुत्थान के पथ पर अग्रणी भूमिका में मध्य प्रदेश

सांस्कृतिक पुनरुत्थान के पथ पर अग्रणी भूमिका में मध्य प्रदेश

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- लोकेन्द्र सिंह पिछले आठ-दस वर्षों का सिंहावलोकन करने पर ध्यान आता है कि यह भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण का दौर है। इस अमृतकाल में भारत अपने ‘स्व’ की ओर बढ़ रहा है। अयोध्या में भव्य एवं दिव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण हो रहा है। श्रीराम ने जिस संघर्ष और धैय के मार्ग को चुना था, उनके भक्तों ने भी मंदिर निर्माण के लिए उसी का अनुसरण किया। अब बेहिचक सरयू के तट पर दिव्य दीपावली मनायी जाती है। केदारधाम से लेकर काशी के विश्वनाथ मंदिर और अवंतिका (उज्जैन) में बाबा महाकाल का लोक साकार रूप ले रहा है। भारत जब करवट बदल रहा है, तब मध्य प्रदेश सांस्कृतिक पुनर्जागरण की बेला में कहां पीछे छूट सकता है। मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार भी अपनी सांस्कृतिक विरासत को सहेजने-संवारने में अग्रणी भूमिका निभा रही है। इस संदर्भ में ‘राम वन गमन पथ’ के निर्माण का निर्णय करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जो कहा, उ...
राजस्थान में आरटीई भी आरटीएच की तरह ‘असहयोग’ की राह पर!

राजस्थान में आरटीई भी आरटीएच की तरह ‘असहयोग’ की राह पर!

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- कौशल मूंदड़ा जिसकी आशंका थी, वह सामने नजर आने लगा है। जिस दिन राजस्थान में राइट टू हेल्थ ‘आरटीएच’ के खिलाफ चिकित्सकों ने लामबंदी की थी, उसी दिन से ही यह आशंका बन चली थी कि कहीं राइट टू एजुकेशन ‘आरटीई’ के प्रति भी निजी स्कूल यही राह न अपना लें। भले ही निजी स्कूलों ने सड़क पर आंदोलन की राह नहीं चुनी है, लेकिन उन्होंने चुपचाप बैठे-बैठे ही सरकार को अपनी मंशा से अवगत करा दिया है कि आरटीई को लेकर जितनी परेशानियां उन्हें आ रही हैं, उनका समाधान नहीं होने तक वे सहयोग के मूड में नहीं हैं। और इसका नतीजा यह है कि सत्र 2022-23 के प्री-प्राइमरी कक्षाओं के आरटीई के बैकलॉग पर तलवार लटक गई है, वहीं नए सत्र 2023-24 के लिए 20 अप्रैल को निकलने वाली लॉटरी को स्थगित करना पड़ा है। हालांकि, सरकार यह दावा भी कर रही है कि आरटीई के एक माह पूर्व भरे गए पिछले सत्र के प्रवेशों को वह लागू करवाएगी, लेकिन एक बार तो निजी स...
कोचिंग डिप्रेशन में युवा पकड़ रहे आत्महत्या की राह

कोचिंग डिप्रेशन में युवा पकड़ रहे आत्महत्या की राह

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- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा कोचिंग के दबाव में युवा, डिप्रेशन के इस कदर शिकार हो रहे हैं कि आत्महत्या की राह पकड़ रहे हैं। डिप्रेशन में युवा यह भी भूलने लगे हैं कि जीवन अनमोल है। किसी प्रतियोगिता में विफल होने पर जीवन से मुंह नहीं मोड़ा जा सकता। दुर्भाग्यजनक तथ्य यह है कि पेरेंट्स की अतिमहत्वाकांक्षा युवाओं को मानसिक तनाव की ओर ले जा रही है। उद्योग नगरी से शिक्षा नगरी में बदली कोटा में प्रतिमाह हादसों का दौर जारी है। एक मोटे अनुमान के अनुसार हजारों करोड़ से अधिक सालाना कारोबार वाली शिक्षा नगरी कोटा को लगता है नजर लग गई है। देशभर में विख्यात कोटा में उज्ज्वल भविष्य का सपना संजोए आने वाले युवाओं द्वारा खुदकुशी करने का अंतहीन सिलसिला जारी है। इसी साल के ही आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो एक दर्जन से अधिक युवाओं ने सपनीले भविष्य के स्थान पर मौत को गले लगाने में किसी तरह का संकोच नहीं किया। यह कोई ...
काशी- तमिल संगमम: राजऋषि के पथ पर नरेन्द्र मोदी

काशी- तमिल संगमम: राजऋषि के पथ पर नरेन्द्र मोदी

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- संजय तिवारी काशी में जो परसों हुआ वह सनातन संस्कृति के इतिहास का महानतम पृष्ठ है। प्राचीन सनातन शास्त्रों में वर्णित ऋषि अगस्त्य की यात्रा से लेकर भगवान आदि शंकराचार्य की समूची परंपरा बहुत सलीके से नई पीढ़ी के सामने प्रस्तुत हो रही है। भारत के वर्तमान राजनीतिक सत्ता के स्वामी की राजनीतिक पृष्ठभूमि से बिल्कुल अलग नरेन्द्र दामोदर दास मोदी के रूप में हम भारत के उस सनातन राज ऋषि को साक्षात देख रहे हैं जो एक-एक कर सनातन प्रतीकों की पुनर्स्थापना कर विश्व की इससे परिचित कराने में पूरी शक्ति से जुटा हुआ है। यह भारत के लिए स्वर्णिम भविष्य के आधार के निर्माण की दिशा में एक ऐसा पाठ है जिसको वर्तमान और भविष्य की पीढ़ी बड़े सलीके से पढ़ भी रही है और स्वीकार भी कर रही है। यह संयोग ही अद्भुत है। यह लिखना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि यह केवल एक आयोजन अथवा घटना भर नहीं है। इसके पीछे निश्चित रूप से दैव योग भ...

सुशासन और संस्कृति का पथ

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- डॉ. दिलीप अग्निहोत्री अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण पूर्णता की ओर है। श्रीराम वनगमन पथ का निर्माण भी प्रगति पर है। चित्रकूट इसका महत्वपूर्ण पड़ाव है। यहीं भाजपा का प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ क्रमशः चित्रकूट और अयोध्या पहुंचे। चित्रकूट में उन्होंने शिविर के समापन सत्र को संबोधित किया। अयोध्या में मंदिर निर्माण कार्यों का निरीक्षण करविकास कार्यों की समीक्षा की। सरकार और संगठन से संबंधित संबोधन यह प्रसंग अपने में बहुत कुछ कहता है। इसमें सुशासन और संस्कृति का संदेश समाहित है। भाजपा संगठन और सरकार इसके प्रति समर्पित है। यही वह तथ्य हैं जो भाजपा को अन्य पार्टियों से अलग करते हैं। सभी विपक्षी पार्टियां परिवार आधारित हैं। इन सभी की नजर वोट बैंक की सियासत पर रहती है। सरकार में रहने के दौरान इसी मानसिकता से कार्य किया जाता है। इसमें परिवार से ...