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DGCA: विमान में 12 साल तक के बच्चों को माता-पिता के साथ सीट देने के निर्देश

DGCA: विमान में 12 साल तक के बच्चों को माता-पिता के साथ सीट देने के निर्देश

देश, बिज़नेस
नई दिल्ली (New Delhi)। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) (Directorate General of Civil Aviation (DGCA)) ने बच्चों की सुरक्षा को लेकर सख्त कदम उठाया है। विमानन नियामक डीजीसीए (Aviation regulator DGCA) ने एयरलाइन कंपनियों (Airline companies) को उड़ान के दौरान 12 साल तक के बच्चों को उनके माता-पिता या अभिभावकों के साथ सीट आवंटित करने का निर्देश दिया है। डीजीसीए ने मंगलवार को जारी एक बयान में एयरलाइंस कंपनियों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि 12 वर्ष तक के बच्चों को एक ही पीएनआर पर यात्रा कर रहे उनके माता-पिता या अभिभावकों में कम से कम एक के साथ उनकी सीट आवंटित की जाए। इसके साथ ही इसका रिकॉर्ड भी रखा जाए। विमानन नियामक ने यह निर्देश बीते दिनों ऐसे कई मामले सामने आने के बाद जारी किए हैं। यह निर्देश ऐसे मामलों की पृष्ठभूमि में आया है। अब डीजीसीए की ओर से 2024 में जारी एयर ट्रांसपोर्ट सर्कु...
मप्रः चूल्हे की चिंगारी से लगी झोपड़ी में आग, माता-पिता के सामने जिंदा जले तीन बच्चे

मप्रः चूल्हे की चिंगारी से लगी झोपड़ी में आग, माता-पिता के सामने जिंदा जले तीन बच्चे

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बड़वानी जिले (Barwani district) में दूरस्थ व पहाड़ी अंचल के पाटी क्षेत्र में सोमवार को एक बड़ा हादसा हो गया। यहां बोरकुंड गांव (Borkund Village) में एक कच्चे मकान में लगी आग (raw house fire) में तीन मासूम जिंदा जल (three innocent lives) गए। चूल्हे की चिंगारी से लगी आग ने देखते ही देखते विकराल रूप ले लिया। घटना के समय माता-पिता पास में ही कुआं खोद रहे थे। धुआं उठता देख वे बाहर आए तो बच्चों को लपटों में घिरा देखा। उनकी आंखों के सामने तीनों बच्चों की जलकर मौत हो गई। इस घटना में चार बकरी और एक बैल की भी जलने से मौत हो गई। घटना के बाद क्षेत्र में सनसनी फैल गई। मौके पर जिपं अध्यक्ष, कलेक्टर, एसपी, एसडीएम, एसडीओपी सहित प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा। जानकारी के अनुसार बोरकुंड के कातर फलिया में राजाराम पुत्र डोगरसिंग नरेला के पहाड़ी पर बने कच्चे मकान...
माता-पिता में बसते हैं समस्त तीर्थ

माता-पिता में बसते हैं समस्त तीर्थ

अवर्गीकृत
- डॉ. सौरभ मालवीय आज के युग में उन्नति का अर्थ केवल धनोपार्जन से लिया जा रहा है अर्थात जो व्यक्ति जितना अधिक धन अर्जित कर रहा है, वह उतना ही सफल माना जा रहा है। मनुष्य की उन्नति की इस परिभाषा ने पारिवारिक संबंधों से मान-सम्मान ही समाप्त कर दिया है। माता-पिता बड़े लाड़-प्यार से अपने बच्चों का लालन-पालन करते हैं। उन्हें उच्च शिक्षा दिलाने के लिए यथासंभव प्रयास करते हैं। बच्चे बड़े एवं शिक्षित होकर माता-पिता को छोड़कर दूर महानगरों अथवा विदेशों में जाकर रहने लगते हैं। ऐसी स्थिति में असहाय वृद्ध माता-पिता अकेले रह जाते हैं। ऐसे लोग भी बहुत हैं, जो एकल परिवार चाहते हैं। वे अपने वृद्ध माता-पिता को वृद्धाश्रम में डाल देते हैं। ऐसे समाचार भी सुनने को मिलते रहते हैं कि वृद्धों को उनके ही बच्चों द्वारा मारा-पीटा जा रहा है। उन्हें भरपेट भोजन नहीं दिया जाता तथा अस्वस्थ होने पर उनका उपचार नहीं भी करवाया जा...