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पंच प्रण अनुरूप काशी तमिल संगमम

पंच प्रण अनुरूप काशी तमिल संगमम

अवर्गीकृत
- डॉ. दिलीप अग्निहोत्री प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में पंच प्रण का उल्लेख किया था। इसके अंतर्गत विकसित भारत के रूप में आगे बढ़ाने, गुलामी के सभी निशान मिटाने, भारत की विरासत पर गर्व करने, देश की एकता और अखंडता को मजबूत करना और देश के प्रति नागरिकों के कर्तव्यों का संकल्प शामिल है। 'काशी तमिल संगमम' पंच प्रण विचार के अनुरूप है। नरेन्द्र मोदी ने भी इसे एक अनूठा कार्यक्रम बताया। उन्होंने कहा कि यह देश के लोगों में गहरे संबंधों को बनाए रखने का अवसर प्रदान करेगा। वस्तुतः भारतीय संस्कृति का दायरा व्यापक है। इसमें विविधता है। इसके साथ ही एकता के शास्वत सूत्र भी हैं। एकता एकात्मता का यह सिद्धांत भारतीय संस्कृति का प्राण है। एकात्मकता के इस सिद्धांत को आधुनिक वैज्ञानिकों ने गॉड पार्टिकल के रूप में स्वीकार किया है, जबकि भारतीय मनीषियों ने युगों पहले इसको प्रमाणित किया था। ...
पंच प्रण को पूरा करने में संतों की भूमिका अग्रणी: प्रधानमंत्री

पंच प्रण को पूरा करने में संतों की भूमिका अग्रणी: प्रधानमंत्री

देश
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आजादी के अमृत काल में हम एक विकसित भारत के निर्माण की ओर बढ़ रहे हैं। इसके लिए देश ने पांच संकल्प लिए हैं और पंच प्रण को पूरा करने में संतों की भूमिका अग्रणी है। प्रधानमंत्री बुधवार को श्रीविजय वल्लभ सुरीश्वरजी की 150वीं जयंती के अवसर पर एक वीडियो संदेश के माध्यम से सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आचार्य श्रीविजय वल्लभ सुरीश्वरजी को समर्पित एक स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी किया गया है। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में इस बात पर प्रकाश डाला कि अतीत में आचार्यों ने समाज कल्याण मानव सेवा शिक्षा और जनचेतना की समृद्ध परंपरा का विकास किया है, जिसका विस्तार जारी रहना चाहिए। प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि नागरिक कर्तव्यों को सशक्त बनाने में संतों का मार्गदर्शन हमेशा महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने वोकल फॉर लोकल के प्रचार में आचार्यों की भू...