विपक्षी एकता के निहितार्थ
- सुरेश हिन्दुस्थानी
राजनीति में कब क्या हो जाए कुछ भी विश्वास के साथ नहीं कहा जा सकता। आज से कुछ ही दशक पूर्व जिस प्रकार से विपक्ष के राजनीतिक दल कांग्रेस को सत्ता से हटाने के लिए भरसक प्रयास करते थे, वैसे ही प्रयास आज भी हो रहे है। इस बार के प्रयासों में कांग्रेस और जुड़ गई है। विगत दो लोकसभा के चुनावों के परिणाम स्वरूप देश में जो राजनीतिक हालात बने हैं, उसमें स्वाभाविक रूप से विपक्ष अपनी जमीन को बचाने की कवायद करने की ओर चिंतन और मंथन करने लगा है। इसके लिए विपक्षी एकता के फिर से प्रयास भी होने लगे हैं। एकता के प्रयोग के लिए इस बार बिहार की भूमि को चुना है। इसलिए स्वाभाविक रूप से कहा जा सकता है कि इस प्रयास में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुखिया की भूमिका में होंगे।
हालांकि नीतीश कुमार के बारे में राजनीतिक विश्लेषक यह खुले तौर से स्वीकार करने लगे हैं कि नीतीश कुमार अपनी स्वयं की ...