Friday, November 22"खबर जो असर करे"

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कितना जायज है ईवीएम पर सवाल?

कितना जायज है ईवीएम पर सवाल?

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- सुरेश हिन्दुस्तानी देश में प्रायः हर उस चुनाव के बाद विद्युतीय मतदान मशीन (इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन) पर सवाल उठते रहे हैं, जब किसी भी विपक्ष की सरकार नहीं बन पाती। इस बार भी लोकसभा चुनाव के बाद देर से ही सही, लेकिन (इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन) ईवीएम पर सवाल उठने लगे हैं। हालांकि अभी स्वर इसलिए भी धीमे हैं, क्योंकि लोकसभा चुनाव में विपक्ष के राजनीतिक दलों ने अपनी ताकत बढ़ाकर एक मजबूत विपक्ष बनने का रास्ता तैयार कर लिया है। देश के राजनीतिक इतिहास में ऐसा दृश्य पहली बार दिख रहा है, जब विपक्ष सरकार बनाने से दूर रहकर भी अपनी विजय का अहसास करा रहा है। इसके विपरीत सत्ता पाने वाले राजग इस बात की समीक्षा कर रहा है कि उसकी सीटें कम कैसे हो गईं। जबकि यह समीक्षा विपक्षी दलों को करना चाहिए। खैर… बात हो रही थी ईवीएम की। इस लोकसभा चुनाव से पूर्व भी भाजपा के नेतृत्व में दो बार केंद्र में सरकार बनी, तब भ...
लोकतंत्र की जीतः एनडीए की सरकार बनेगी, विपक्ष भी खुश

लोकतंत्र की जीतः एनडीए की सरकार बनेगी, विपक्ष भी खुश

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- रास बिहारी एग्जिट पोल एक बार फिर धराशायी हो गए पर ईवीएम जीत गई। लोकसभा चुनाव में एनडीए के 300 सीटें पार न करने पर इंडी गठबंधन बहुत खुश है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एनडीए की सीटें बहुत कम होने पर खुश होकर कहा कि लोकतंत्र जीत गया। विपक्ष गठबंधन भी अपने दावे के मुताबिक 295 तक का आंकड़ा नहीं छू पाया। अगर देखा जाए तो विपक्षी गठबंधन भाजपा को अकेले मिली 242 सीटों तक मिलकर नहीं पहुंच पाया। दक्षिण में भी एनडीए सबसे बड़े गठबंधन के रूप में उभरा है। पिछले दो आम चुनाव में पूर्ण बहुत पाने वाली भारतीय जनता पार्टी को उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में करारा झटका लगा है। 370 पार का नारा देने वाली 242 तक ही रह गई। उत्तर प्रदेश में 2014 में 73 और 2019 में 64 सीटें जीतन वाला एनडीए इस बार केवल 36 पर सिमटता दिख रहा है। सपा और कांग्रेस 80 में से 18 सीटें जीत चुके...
नतीजे के बाद क्या कहेगा विपक्ष

नतीजे के बाद क्या कहेगा विपक्ष

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- रास बिहारी कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल समेत कई विपक्षी दलों ने लोकसभा चुनाव के मतदान के आखिरी और सातवें चरण की समाप्ति पर विभिन्न मीडिया संस्थानों के एग्जिट पोल्स में भारतीय जनता पार्टी के अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की प्रचंड जीत के अनुमान को मोदी मीडिया का पोल करार दिया है। इंडी एलायंस के नेताओं की बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और अन्य नेताओं ने दावा किया वे सब मिलजुल कर 295 सीट से ज्यादा जीत रहे हैं। इस दावे को लगातार मीडिया पर दिखाया जाता रहा। साथ ही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष की बौखलाहट भरी प्रतिक्रिया कि एग्जिट पोल मोदी मीडिया का पोल है, को भी मीडिया में लगातार जगह मिलती रही। सवाल यह है कि 4 जून को ये अनुमान नतीजों में बदल जाते हैं तो विपक्ष के नेताओं की प्रतिक्रिया क्या होगी? उसकी तैयारी भी पहले से ही कर ली गई है।...
विपक्ष के टूलकिट मुद्दों की निकली हवा

विपक्ष के टूलकिट मुद्दों की निकली हवा

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- मृत्युंजय दीक्षित स्वतंत्रता के बाद देश में अभी तक जितने भी लोकसभा या विधानसभा चुनाव हुए हैं उनमें पहली बार कांग्रेस के नेतृत्व में बना गठबंधन हर दृष्टि से कमजोर नजर आ रहा है । जब से लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस व इंडी गठबंधन के नेताओं ने प्रचार आरम्भ किया है तभी से राहुल गांधी व उनके प्रवक्ता तमाम मंचों पर केवल एक ही बहस कर रहे हैं कि अगर मोदी जी तीसरी बार 400 सीटों के साथ प्रधानमंत्री बन जाते हैं तो भाजपा संविधान को फाड़ कर फेंक देगी। दोबारा चुनाव नहीं। इसके अतिरिक्त यह लोग प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के डीप फेक वीडियो वायरल कर झूठ फैला रहे हैं। शाह के वीडियो प्रकरण में गिरफ्तारी भी हुई हैं। चुनाव प्रचार में जुटे प्रधानमंत्री मोदी ने इस फर्जी वीडियो प्रकरण को अपने पक्ष में मोड़कर मुद्दा बनाने में सफलता प्राप्त कर ली है साथ ही। वो संविधान और आरक्षण के नाम पर विगत 70 ...
ईवीएम की आड़ में अपनी हार की पेशबंदी करने लगा विपक्ष

ईवीएम की आड़ में अपनी हार की पेशबंदी करने लगा विपक्ष

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- डॉ. आशीष वशिष्ठ मोदी विरोधी मोर्चा के नेता आजकल एक और कैंपेन कर रहे हैं। वो कह रहे हैं कि मोदी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की वजह से जीतते हैं। वैसे ईवीएम को गलत ठहराने वाला राग तो पुराना है। 17 अप्रैल को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में चुनाव प्रचार के दौरान दावा किया कि अगर ईवीएम से छेड़छाड़ न हो तो भाजपा 180 सीटों पर सिमट जाएगी। जो राजनीतिक दल और नेता पिछले पांच साल तक जमीन पर उतरे नहीं, आज जब उन्हें अपनी हार साफ तौर पर दिख रही है तो उन्होंने ईवीएम की हार में पेशबंदी शुरू कर दी है। आखिरकार अपनी गलतियों, कमियां और कमजोरियों का ठीकरा किसी के सिर तो फोड़ना ही है, ऐसे में बेजुबान ईवीएम से बेहतर विकल्प कोई दूसरा नहीं हो सकता। देश में आम चुनाव के पहले चरण की 102 लोकसभा सीटों पर 19 अप्रैल को मतदान हो चुका है। करोड़ों देशवासियों ने उन्हीं ईवीएम का बटन...
उत्तर प्रदेश में भाजपा के जातीय समीकरण के सामने पस्त विपक्ष

उत्तर प्रदेश में भाजपा के जातीय समीकरण के सामने पस्त विपक्ष

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- आशीष वशिष्ठ एक पुरानी राजनीतिक कहावत है कि दिल्ली का रास्ता लखनऊ से होकर जाता है। कहते हैं यहां पर जिसने जितनी सीटें जीतीं, उसके लिए नई दिल्ली तक पहुंचने का रास्ता उतना ही आसान हुआ। उत्तर प्रदेश में विजय का परचम लहराने के लिए जातियों की समझ ही सब कुछ है। यहां विकास के नाम पर वोट भी तभी मिलता है, जब जातियों को सही तरह से साधा जाए। बात चाहे ओबीसी की हो, मुस्लिम की हो या सवर्ण समाज को साधने की, सभी का उत्तर प्रदेश की सियासत में अहम योगदान रहता है। यहां के बारे में एक कहावत चर्चित है कि यहां वोटर नेता को वोट नहीं देते बल्कि जाति को देते हैं। जाहिर है कि सबसे ज्यादा 80 लोकसभा सीट वाले उत्तर प्रदेश पर हर पार्टी की नजर है। यहां भारतीय जनता पार्टी से लेकर सपा, कांग्रेस और बसपा भी अपना जनाधार मजबूत करने में पूरी ताकत के साथ जुट गई है। जाति, धर्म और वर्ग के आधार पर अपने-अपने वोट बैंक को दुरु...
विपक्ष को भारी पड़ेगा ‘मोदी का परिवार’ अभियान

विपक्ष को भारी पड़ेगा ‘मोदी का परिवार’ अभियान

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- आशीष वशिष्ठ 20 सितंबर 2018 को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राजस्थान में आदिवासी जिले डूंगरपुर के सागवाड़ा में एक जनसभा में एक कहावत का उपयोग करते हुए राफेल मामले में प्रधानमंत्री पर अमर्यादित टिप्पणी की। इस दौरान उन्होंने पीएम पद की गरिमा का खयाल भी नहीं रखा। राहुल गांधी की चौकीदार चोर की टिप्पणी के बाद पूरे देश में इस शब्द को लेकर ही आंदोलन शुरू हो गया था। भाजपा के तमाम नेताओं ने अपने नाम के आगे ‘मैं भी चौकीदार’ जैसे शब्द लिखने शुरू कर दिए थे। बाद में, अपने इस बयान को लेकर राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में बिना शर्त माफी मांगी थी। 3 मार्च 2024 को बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान में जन विश्वास महारैली में इंडी अलांयस की रैली में बोलते हुए राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने प्रधानमंत्री मोदी पीएम मोदी के परिवारवाद वाली टिप्पणी का जवाब देते हुए कहा था कि उनकी कोई संत...
विपक्ष जनभावना को समझने में विफल

विपक्ष जनभावना को समझने में विफल

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- विकास सक्सेना राज्यसभा चुनाव में जमकर हुई क्रॉस वोटिंग के दम पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में दो अतिरिक्त सीट पर विजय हासिल कर ली। नेतृत्व के निर्देशों की अनदेखी करके क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों पर हमेशा की तरह 'बिक जाने' या 'डर जाने' के आरोप लगाए जा रहे हैं लेकिन इस बार की क्रॉस वोटिंग सिर्फ इतने तक सीमित दिखाई नहीं देती। भाजपा और मोदी विरोधी विपक्षी दलों के शीर्ष नेतृत्व ने पिछले कुछ समय में जिस तरह से जनभावना के विपरीत फैसले लिए हैं उनसे इन दलों में तेजी से असंतोष बढ़ा है। खासतौर से अयोध्या में श्रीराम लला के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह का विपक्षी दलों ने जिस तरह बहिष्कार किया, वह पार्टी के समर्थकों और तमाम नेताओं को रास नहीं आया। तमाम विपक्षी नेता प्रभु राम, सनातन धर्म और संस्कृति के खिलाफ अनर्गल बयान दे रहे थे लेकिन पार्टी का शीर्ष नेतृत्...
धूमिल होते विपक्षी एकता के प्रयास

धूमिल होते विपक्षी एकता के प्रयास

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- सुरेश हिंदुस्तानी आजकल वर्तमान केंद्र सरकार को सत्ताच्युत करने के सपने देखने की राजनीति गरम है। केंद्र में विपक्ष की राजनीति करने वाली कांग्रेस सहित तमाम क्षेत्रीय दल एक साथ चलने का राग अलाप रहे हैं, लेकिन वर्तमान राजनीतिक शैली को देखते हुए सहज ही यह सवाल देश के वातावरण में अठखेलियां कर रहा है कि क्या आज की स्थिति और परिस्थिति को देखते हुए विपक्ष की भूमिका निभाने वाले राजनीतिक दल एक होकर चुनाव लड़ पाएंगे। यह सवाल इसलिए भी उठ रहा है, क्योंकि सारे दल इस जोर आजमाइश में लगे हैं कि किसको कितनी सीट दी जाएं। इस बारे में कांग्रेस के समक्ष बड़ी विकट स्थिति निर्मित होती जा रही है, क्योंकि जहां एक ओर कांग्रेस नेता राहुल गांधी कांग्रेस के अस्तित्व को बचाने के लिए एक और राजनीतिक यात्रा पर हैं, वहीं दूसरी ओर क्षेत्रीय दल कांग्रेस को कोई भाव नहीं दे रहे। इसके पीछे का कारण स्वयं कांग्रेस की राजनीति ही ...