केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के एक तिहाई पद खाली तो किसके भरोसे संस्थान
- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा
देश के केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के समग्र रूप से 33 प्रतिशत से भी अधिक पदों का खाली होना हमारी उच्च शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल कर रख देने की लिए काफी है। मजे की बात यह है कि कई राज्यों के केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में तो यह आंकड़ा 88 प्रतिशत तक पहुंच रहा है। यह कोई खयाली आंकड़ा नहीं है बल्कि केन्द्रीय उच्च शिक्षा मंत्रालय द्वारा पिछले दिनों सूचना के अधिकार के तहत दी गई जानकारी में सामने आया है।
यह और अधिक चिंतनीय इस मायने में हो जाता है कि इन आंकड़ों का विश्लेषण करेंगे तो इस संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि किन्हीं केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में तो किसी विषय विशेष में एक भी प्रोफेसर न हों। क्योंकि विश्वविद्यालय हिन्दी, अंग्रेजी या गणित के भरोसे नहीं अपितु विश्वविद्यालयों में अनेक संकाय होते हैं। संकायों में भी अनेक विषय और विषयों में भी विशिष...