रुपया कमजोर नहीं, मजबूत
- योगिता पाठक
भारतीय राजनीति में जब भी अर्थव्यवस्था की बात की जाती है, तो रुपये की कीमत की भी जोर-शोर के साथ चर्चा होती है। मौजूदा समय में राहुल गांधी से लेकर अरविंद केजरीवाल तक और तेजस्वी यादव से लेकर ममता बनर्जी तक हर विपक्षी नेता एक सुर में रुपये के रिकॉर्ड स्तर तक कमजोर हो जाने की बात करते हुए इसे भारतीय अर्थव्यवस्था की सबसे बड़ी विफलता के रूप में बताने में लगे हुए हैं। राजनीतिक लाभ के लिए विपक्षी नेता अगर सरकार को रुपये की कीमत पर घेरने की कोशिश कर रहे हैं, तो उनकी सियासी रणनीति के तहत ये स्वाभाविक भी है। इसमें कोई शक नहीं है कि डॉलर की तुलना में भारतीय मुद्रा रिकॉर्ड स्तर तक नीचे गिर गई है। लेकिन इसके साथ ही एक बड़ा सच ये भी है कि पिछले कुछ सालों के दौरान रुपये की कीमत में रिकॉर्ड मजबूती भी आई है।
सुनने में यह बात विरोधाभासी जरूर लगती है, लेकिन सच्चाई यही है। मुद्रा बाजार में रुपया...