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अयोध्या देश ही नहीं, संपूर्ण विश्व को दिशा देगी

अयोध्या देश ही नहीं, संपूर्ण विश्व को दिशा देगी

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- गोपाल शर्मा अयोध्याधाम में श्रीराम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा की घड़ी नजदीक है। भारत ही नहीं दुनियाभर के देशों में उत्साह है। उत्साह हो भी क्यों न। प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि पर 500 वर्षों से भी ज्यादा के संघर्ष और बलिदान के बाद भगवान का मंदिर पुन: साकार रूप लेने जा रहा है। सौभाग्यशाली हैं कि यह क्षण हमारे जीवन में आया है। हम 22 जनवरी को अपने घरों में श्रीराम ज्योति जलाएं और दीपावली मनाएं। भारत के स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) की तरह 22 जनवरी 2024 की तारीख पीढ़ियों के अखंड तप, त्याग और संकल्प के प्रतीक के रूप में युगों-युगों तक जाना जाएगा। प्रभु श्रीराम एक राजा या आराध्य ही नहीं, भारत की आत्मा हैं । सांस्कृतिक पहचान हैं। अस्मिता हैं। प्रभु श्रीराम की शक्ति देखिए। इमारतें नष्ट कर दी गईं, अस्तित्व मिटाने का कुत्सित प्रयास किया गया लेकिन श्रीराम जनमानस के मन में बसे रहे। श्रीराम का जीवन चरित...
यह गीता प्रेस का ही नहीं, सनातन संस्कृति का भी सम्मान है

यह गीता प्रेस का ही नहीं, सनातन संस्कृति का भी सम्मान है

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- मृत्युंजय दीक्षित न केवल भारत वरन संपूर्ण विश्व में सनातन हिंदू संस्कृति का साहित्य के माध्यम से प्रचार- प्रसार करने वाली संस्था गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार मिलना हिंदू सनातन संस्कृति व साहित्य के लिए गर्व और हिंदू समाज के लिए आनंद की अनुभूति का समय है। जरा सोचिए कि अगर गीता प्रेस न होता तो आज हिंदू सनातन संस्कृति व परम्परा का क्या हाल हो रहा होता? एक विदेशी डाक्टर ए.ओ. हयूम तथा अंग्रेज मैकाले की शिक्षा के कुप्रभाव को रोकने में अगर जिसने अति महत्वपूर्ण भूमिका निभाई वह गीता प्रेस ही है। आज संपूर्ण विश्व में हिंदू सनातन संस्कृति की जो जयकार होती है उसमें गीता प्रेस की बड़ी भूमिका है। संभवतः यही कारण है कि आज कांग्रेस गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार दिये जाने की आलोचना कर रही है। गीता प्रेस हिंदू धार्मिक ग्रंथों का विश्व का सबसे बड़ा प्रकाशक है। आज हर घर तक गीता, रामायण, महाभारत स...
किसान अन्नदाता ही नहीं, भारत का भाग्य विधाता भी हैः राजनाथ सिंह

किसान अन्नदाता ही नहीं, भारत का भाग्य विधाता भी हैः राजनाथ सिंह

देश, मध्य प्रदेश
- किसान-कल्याण महाकुंभ में किसानों के खाते में 6 हजार 423 करोड़ रुपये अंतरित भोपाल। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि किसान अन्नदाता ही नहीं, भारत का भाग्य विधाता भी है। किसान के बेटों ने सीमाओं की रक्षा की है। भारत को ताकतवर बनाने के लिए किसानों को ताकतवर बनाना होगा। चाहे स्वतंत्रता की लड़ाई हो, वर्ष 1857 का संग्राम हो, चम्पारण का सत्याग्रह हो या गुजरात के बारडोली का आंदोलन, किसानों ने अंग्रेजों की चूल्हें हिला दी थीं। आज मध्यप्रदेश में इस किसान-कल्याण महाकुंभ में किसानों की बड़ी संख्या में उपस्थिति हर्षित करने वाली है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश में विकास और किसान, गरीब, बेटियों आदि सभी के लिये करिश्माई कार्य कर रहे हैं। वे जनता के लिये तहे दिल से कार्य कर रहे हैं। जनता उन्हें कितना अधिक प्यार करती है, यह आज मैं देख रहा हूँ। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मंगलवार को राजगढ़ जिले में ...