पानी को बनाया नहीं, सिर्फ बचाया जा सकता है
- उमाशंकर पांडेय
पानी को बनाया नहीं बल्कि इसे केवल बचाया जा सकता है। उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के जखनी गांव की हरियाली सारी दुनिया के लिए उदाहरण है। यहां के मेड़बंदी मॉडल को जल संरक्षण के लिए सारे देश में कई जगह लागू किया जा चुका है। भारत का जल शक्ति मंत्रालय इसे पूरे देश के लिए उपयुक्त मानते हुए हर जिले में दो गांवों को जखनी जैसा जलग्राम बनाने के लिए चुन चुका है। नीति आयोग ने भी इस जल संरक्षण विधि को मान्यता दी है और इस आधार पर जखनी को आदर्श गांव माना है। लोग जागरूक हों तो सूखा और अकाल आ ही नहीं सकता। हमें अपने पूर्वजों के समाधान को अपनाना होगा। पुराने तालाबों और कुंओं का जीर्णोद्धार करना होगा। खेतों की मेड़बंदी कर घरों की नालियों का पानी भी खेतों में पहुंचाना होगा।
हमारे पुरखों की जल संरक्षण पर सोच ‘खेत पर मेड़, मेड़ पर पेड़' रही है। इसी सोच ने जखनी के जख्म सोख लिए हैं। जखनी के लोगों ...