Friday, September 20"खबर जो असर करे"

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आसान नहीं है ‘विकसित भारत -2047’

आसान नहीं है ‘विकसित भारत -2047’

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- राकेश दुबे भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'विकसित भारत-2047’ पर देश में हर जगह चर्चा हो रही है। चर्चाओं का केंद्र अगले कुछ वर्षों में 7 प्रतिशत सालाना से अधिक औसत आर्थिक वृद्धि दर हासिल करना है। इस समय भारत और चीन की तुलना करना उपयोगी हो सकता है। विश्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक 1991 में दोनों देशों में कृषि में रोजगार का प्रतिशत आसपास ही था। चीन में यह 60 प्रतिशत तथा भारत में 63 प्रतिशत था, किंतु विश्व बैंक के अनुसार करीब 30 साल बाद चीन में यह तेजी से कम होकर 23 प्रतिशत रह गया, जो भारत के 44 प्रतिशत आंकड़े से बहुत कम है। इन 30 साल के भीतर चीन में लगभग 20 करोड़ कृषि श्रमिक उद्योग और सेवा क्षेत्रों में चले गए। विश्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक भारत में भी काफी संख्या में श्रमिक खेती से बाहर चले गए मगर इसी दौरान कृषि में रोजगार पाने वालों की संख्या 3.5 करोड़ बढ़ गई। भारत को मौजूदा ...
‘राहुल गांधी, आसान नहीं रायबरेली की डगर…!’

‘राहुल गांधी, आसान नहीं रायबरेली की डगर…!’

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- सुरेश हिंदुस्तानी कांग्रेस नेता राहुल गांधी उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा सीट से चुनाव न लड़ पाने की हिम्मत के बाद आखिर परम्परागत रायबरेली से नामांकन दाखिल कर दिया। यह बात सही है कि राहुल गांधी के अमेठी छोड़ने के बाद कांग्रेस राजनीति में कोई ठोस सन्देश देने में सफल नहीं हो रही थी, जिसके कारण कांग्रेस के कई नेता अमेठी के बारे में बोलने से किनारा करने लगे थे। अब राहुल गांधी अपने दादा फिरोज खान, दादी इंदिरा गांधी और मां सोनिया गांधी की विरासत को बचाने के लिए मैदान में आ गए हैं। यहां सवाल यह नहीं हैं कि राहुल गांधी और उनकी कांग्रेस ने रायबरेली को क्यों चुना, बल्कि सवाल यह है कि राहुल गांधी ने अमेठी को क्यों छोड़ा। क्या वास्तव में राहुल गांधी को फिर से अपनी पराजय का डर लगने लगा था? अगर यह सही है तो फिर ऐसा क्यों है कि राहुल गांधी हर बार अपने लिए सुरक्षित स्थान की तलाश क्यों करते हैं। उल्लेख...
आसान नहीं मुख्यमंत्री शिवराज का श्राद्ध

आसान नहीं मुख्यमंत्री शिवराज का श्राद्ध

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- प्रमोद भार्गव विधानसभा चुनाव के महासंग्राम की शुरुआत होते ही कांग्रेस एवं भाजपा में श्राद्ध को लेकर जुबानी जंग छिड़ गई है। दरअसल सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का गंगा नदी के किनारे निश्चिंत व निर्लिप्त बैठे हुए एक चित्र जारी हुआ था। इसमें शिवराज चुनाव की चिंता और मुख्यमंत्री बनने की इच्छा से मुक्त नजर आ रहे थे। वास्तव में वे ऋषिकेश में स्थित परमार्थ निकेतन में स्वामी चिदानंद मुनि के आश्रम में समय बिताने पहुंचे थे। वे यहां गंगा दर्शन कर गंगा आरती में शामिल हुए और संतों का आशीर्वाद लिया। इस पल चित्र सोशल मीडिया पर किसी ने डालकर लिख दिया, 'मामा का श्राद्ध, श्राद्ध में भाजपा ने दिया शिवराज मामा को टिकट।' इसे कांग्रेस की हरकत बताते हुए शिवराज ने कहा कि सनातन धर्म को अपशब्द कहने वाली कांग्रेस सत्ता की भूखी है। जबकि कांग्रेस को अपनी कुंठित सोच और कुसंस्कारों का श्राद्ध करने की...
राजस्थान कांग्रेस में घमासान, अब गले मिलना नहीं आसान

राजस्थान कांग्रेस में घमासान, अब गले मिलना नहीं आसान

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- रमेश सर्राफ धमोरा राजस्थान कांग्रेस में मचा घमासान थमने का नाम ही नहीं ले रहा। पिछली 25 सितंबर को जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक का पार्टी विधायकों द्वारा बहिष्कार करने की घटना के बाद राजस्थान कांग्रेस में गुटबाजी चरम पर है। नेता एक-दूसरे के खिलाफ खुलकर बयानबाजी कर रहे हैं। पार्टी में अनुशासन नाम मात्र का भी नहीं बचा है। कांग्रेस आलाकमान के निर्देशों के उपरांत भी नेता एक दूसरे की टांग खिंचाई कर रहे हैं। इससे आम जन में कांग्रेस की नकारात्मक छवि बन रही है। 25 सितंबर को यह सब आलाकमान के पर्यवेक्षक (वर्तमान में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष) मलिकार्जुन खड़गे के सामने हुआ था। तत्कालीन प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने यह बैठक बुलाई थी। इसका परिणाम कांग्रेस को आने वाले लंबे समय तक भुगतना पड़ेगा। इस घटना से पार्टी का अनुशासन तो तार-तार हुआ ही था। वहीं नेताओं में आपसी गुटबाजी भी इस कदर बढ़ गई कि एक ...