Friday, November 22"खबर जो असर करे"

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भाजपा की झोली कितनी भरेगी पूर्वोत्तर से

भाजपा की झोली कितनी भरेगी पूर्वोत्तर से

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- आर.के. सिन्हा जिस पूर्वोत्तर भारत में सूरज की किरणें सबसे पहले पहुंचती हैं वहां की जनता तैयार है, एकबार फिर लोकसभा चुनाव में अपना फैसला सुनाने के लिए। बेशक, भारतीय जनता पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में 370 सीटें जीतने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है , तो 25 सीटें पूर्वांचल प्रदेशों की भी उसमें शामिल हैं। पूर्वोत्तर राज्यों में आगामी 19 अप्रैल, 26 अप्रैल और 7 मई को लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होना है। अगर बात पिछले यानी 2019 के लोकसभा चुनाव की करें तो पूर्वोत्तर में भारतीय जनता पार्टी ने जो झंडे गाड़े थे, उसे इस बार भी थामे रखने का पूरा भरोसा है। इस भरोसे के पीछे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का यह विश्वास है कि उन्होंने जिस तरह से पूर्वोत्तर की विकास की योजनाएं सिरे चढ़ाई हैं, उसके बाद वहां की जनता उनकी पार्टी और सरकार को कभी नहीं भूलेगी। इसमें एक पक्ष यह भी है कि प्रधानमंत्री मोदी की तरह ही गृ...
पूर्वोत्तर में कांग्रेस के ‘पराई’ होने के निहितार्थ

पूर्वोत्तर में कांग्रेस के ‘पराई’ होने के निहितार्थ

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- डॉ. रमेश ठाकुर सियासत अपने रंग-ढंग बदलती रहती है जिसकी पटकथा समय लिखता है, जो समय के साथ नहीं बदलता, समय उसे बदल देता है। समय की गति को समझने में कांग्रेस शायद गच्चा खा गई। पूर्वोत्तर से कांग्रेस का तकरीबन बोरिया-बिस्तर बंध चुका है। एक जमाना था, जब पूर्वोत्तर राज्यों में मुल्क के सबसे उम्रदराज सियासी दल ‘कांग्रेस’ का बोलबाला होता था। कांग्रेस के मुकाबले अन्य दल वहां बिल्कुल भी नहीं टिकते थे। चुनावी मौसम में सियासी लहर सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस की ही बहती थी। फिर, चुनाव चाहे पंचायती हो, या लोकसभा का, सभी में पार्टी की विजयी सुनिश्चित हुआ करती थी। लेकिन अब सियासी परिदृश्य पहले के मुकाबले एकदम जुदा है। अवाम ने पुरानी पटकथाओं को नकार दिया है। कांग्रेस के लिए वहां स्थिति अब ऐसी है कि सूफड़ा ही साफ हो गया है। हाल ही में मिजोरम विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आया, उसमें मात्र सिंगल सीट कांग्रेस को ...
भाजपा की उत्तर-पूर्व विजय-गाथा और मिशन-2023

भाजपा की उत्तर-पूर्व विजय-गाथा और मिशन-2023

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- अजय दीक्षित सन् 2023 में विधानसभा चुनाव की तैयारी में भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। पार्टी ऐसे लोगों को तैयार कर रही है, जिनकी समाज में अच्छी पकड़ है। साथ ही, विदेशों में बसे प्रदेश के नौकरीपेशा और बिजनेसमैन लोगों को लुभाया जा रहा है, जिससे वे भाजपा के फेवर में माहौल बना सकें। इसके लिए पार्टी का विदेश सम्पर्क विभाग तेजी से काम कर रहा है। विदेश सम्पर्क विभाग ने दो बड़े कार्यक्रमों के जरिए विदेशों में बसे मध्य प्रदेश के युवाओं और परिवारों को जोड़ने की शुरुआत की है। इन्हें लगातार प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं और आयोजनों में वर्चुअली जोड़ा जायेगा। सन् 2018 में हुए विधानसभा चुनाव मे मामूली अन्तर से भाजपा प्रदेश की सत्ता से बाहर हो गई थी। हालांकि बाद में ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद भाजपा फिर काबिज हो गई। एंटी इन्कमबेंसी से निपटने बीजेपी अब कैंपेन चला रही है। ...