Friday, September 20"खबर जो असर करे"

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आखिर क्यों धामी को आलोचना से कोई फर्क नहीं पड़ता?

आखिर क्यों धामी को आलोचना से कोई फर्क नहीं पड़ता?

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- अर्चना राजहंस डबल इंजन सरकार के नाम पर जहां अन्य प्रदेश सरकारें हांफने लगती हैं वहीं धामी खुलकर बोलते हैं कि हां, उत्तराखंड में मोदी-धामी की डबल इंजन सरकार काम करती है। कहते हैं कैलाश में शिव अपने अराध्य नारायण और लक्ष्मी के साथ में विराजमान हैं जिन्हें बद्री विशाल के नाम से जाना जाता है। बद्री विशाल यानी पांडव अर्जुन, यानी ईश्वर का वो मूर्तिमान रूप जो चारों युगों में यहां विराजमान है। इसने सृष्टि को कई बार बनते बिगड़ते देखा है। 2013 में केदारनाथ में हुए हादसे के बाद ऐसा लगा था मानों अब केदार को फिर से बसा पाना संभव नहीं हो पाएगा, लेकिन हरि और शिव जहां स्वयं विराजमान हों वहां कैसा रुदन? केदार को संवारने जैसे दोनों स्वयं आ गए हों, मोदी और धामी के रूप में। कहते हैं उत्तराखंड में डबल इंजन की सरकार है। सच कहें तो यहां प्राकृतिक रूप से डबल इंजन सरकार है। इस पूरे प्रदेश को बद्री और केदार...
आरजेडी वालो, मंदिर-स्कूल में भेद नहीं, ये वैशिष्ट्य है हमारा

आरजेडी वालो, मंदिर-स्कूल में भेद नहीं, ये वैशिष्ट्य है हमारा

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- डॉ. मयंक चतुर्वेदी अयोध्या में भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होनी है। इसके मुख्य समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं। इस समारोह को लेकर अंतर्विरोध भी देखने को मिल रहा है। एक तरफ ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन राजनीतिक पार्टी है, जिसके प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी राममंदिर और बाबरी ढांचे के बहाने फिर से सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। दूसरी ओर राम मंदिर को लेकर कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद उदित राज का एक विवादित बयान सामने आया है। बयान में वे कहते दिखे, ''500 साल बाद मनुवाद की वापसी हो रही है।'' इसी बीच राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) में काम करनेवाले लालू यादव एवं उनके बच्चों के भक्तगण, राजनीतिक कार्यकर्ता हैं, जो मंदिर की तुलना आज स्कूल से कुछ इस तरह से कर रहे हैं जैसे कि मंदिर अज्ञानता के गढ़ हैं और इनसे सभी को दूरी बनाए रखना चाहिए । वस्तुत: लालू प्रसाद याद...