वैज्ञानिक कालगणना और भारतीय अध्यात्म
- डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
भारतीय नव वर्ष का शुभारंभ प्रकृति की नवचेतना के साथ होता है। वृक्ष नए रूप में पल्लवित होते है। प्रकृति सर्वत्र उत्साह का संचार करती है। मां दुर्गा की उपासना से माहौल भक्तिमय हो जाता है। दुनिया की सर्वाधिक प्राचीन व वैज्ञानिक कालगणना का आविष्कार भारत में हुआ था। इसमें समय के न्यूनतम अंश का भी समावेश है। प्रलय के बाद भी यह कालगणना निरन्तर जारी रहेगी। प्रासंगिक रहेगी। इसके नववर्ष में प्रकृति भी नए रूप में परिलक्षित होती है। यह संधिकाल आध्यात्मिक ऊर्जा को प्राप्त करने का अवसर होता है। इसमें पाश्चात्य नववर्ष की तरह देररात का हंगामा नहीं होता। भारतीय कालगणना में परमाणु से लेकर कल्प तक का विचार है। इसलिए यह पूर्णतया वैज्ञानिक है। भारतीय नववर्ष का प्रथम दिन अपने में व्यापक संदेश देने वाला होता है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को ही पृथ्वी माता का प्रादुर्भाव हुआ। इसी के साथ ब्रह्म...