नया संसद भवन, नया भारत, नया सवेरा
- हृदयनारायण दीक्षित
भारत का मन उल्लास से भरा पूरा है। 28 मई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नए संसद भवन का लोकार्पण करेंगे। यह इतिहास का स्वर्णिम अध्याय होगा। लेकिन भारतीय स्वाभिमान के इस अवसर पर भी लगभग डेढ़ दर्जन राजनीतिक दल कार्यक्रम का बहिष्कार कर रहे हैं। वे राष्ट्रीय महत्व के इस अवसर पर भी अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं। गृहमंत्री अमित शाह ने इसे ओछी राजनीति बताया और कहा है कि, 'नया संसद भवन देश की सांस्कृतिक विरासत परंपरा व सभ्यता को आधुनिकता से जोड़ने का सुन्दर प्रयास है। इस ऐतिहासिक समारोह के साक्षी बनने के लिए सबको निमंत्रित किया गया है कि इस कार्यक्रम में सब लोग हिस्सा लें।'
उन्होंने कहा है कि इस कार्यक्रम को राजनीति से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। यह भारतीय परम्पराओं व आधुनिकता से जुड़ने का महान क्षण है। इस स्थान का इतिहास भी महत्वपूर्ण है। दिल्ली कई सदियों से सत्ता का प्रमु...