Friday, September 20"खबर जो असर करे"

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नया संसद भवन, नया भारत, नया सवेरा

नया संसद भवन, नया भारत, नया सवेरा

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- हृदयनारायण दीक्षित भारत का मन उल्लास से भरा पूरा है। 28 मई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नए संसद भवन का लोकार्पण करेंगे। यह इतिहास का स्वर्णिम अध्याय होगा। लेकिन भारतीय स्वाभिमान के इस अवसर पर भी लगभग डेढ़ दर्जन राजनीतिक दल कार्यक्रम का बहिष्कार कर रहे हैं। वे राष्ट्रीय महत्व के इस अवसर पर भी अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं। गृहमंत्री अमित शाह ने इसे ओछी राजनीति बताया और कहा है कि, 'नया संसद भवन देश की सांस्कृतिक विरासत परंपरा व सभ्यता को आधुनिकता से जोड़ने का सुन्दर प्रयास है। इस ऐतिहासिक समारोह के साक्षी बनने के लिए सबको निमंत्रित किया गया है कि इस कार्यक्रम में सब लोग हिस्सा लें।' उन्होंने कहा है कि इस कार्यक्रम को राजनीति से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। यह भारतीय परम्पराओं व आधुनिकता से जुड़ने का महान क्षण है। इस स्थान का इतिहास भी महत्वपूर्ण है। दिल्ली कई सदियों से सत्ता का प्रमु...
बहुत जरूरी था नए संसद भवन का निर्माण

बहुत जरूरी था नए संसद भवन का निर्माण

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- योगेश कुमार गोयल देश की नई संसद का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। इसका उद्घाटन 28 मई को हो रहा है। नई संसद के निर्माण का विषय शुरूआत से ही राजनीति का केन्द्रबिन्दु बना हुआ है और अब इसके उद्घाटन के समय भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच घमासान चल रहा है। 10 दिसम्बर, 2020 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भारतीय संसद की नई इमारत का शिलान्यास किया गया था, जिसे ढ़ाई वर्ष से भी कम समय में उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा कर लिया गया है। 28 मई को इसके उद्घाटन के साथ ही संसद का पुराना भवन प्राचीन धरोहर का हिस्सा बन जाएगा। शुरूआत में जहां नई संसद बनने पर होने वाले भारी-भरकम खर्च को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर रहा, वहीं अब इसके उद्घाटन की टाइमिंग और इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री के हाथों होने को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। दरअसल सरकार ने इसके उद्घाटन को लेकर वीर सावरकर की जयंती का दिन चुना है, जो विपक्ष को र...
संवैधानिक मूल्यों को समृद्ध करेगा नया संसद भवन

संवैधानिक मूल्यों को समृद्ध करेगा नया संसद भवन

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- प्रो. संजय द्विवेदी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 28 मई को संसद के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण करेंगे। भारत में संसद को लोकतंत्र का मंदिर कहा जाता है। लोकतंत्र में संसद का वही स्थान है, जो भारतीय संस्कृति में भगवान का है। हमारे संविधान निर्माताओं ने इसलिए कहा भी था कि लोकतंत्र में प्रत्येक विचार का केंद्र बिंदु संसद ही है और राष्ट्र निर्माण में उसकी अहम भूमिका है। लोकसभा तथा राज्यसभा, दोनों सदनों ने 5 अगस्त, 2019 को सरकार से संसद के नए भवन के निर्माण के लिए आग्रह किया था। इसके बाद 10 दिसंबर, 2020 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद के नए भवन का शिलान्यास किया था। संसद के नवनिर्मित भवन को गुणवत्ता के साथ रिकॉर्ड समय में तैयार किया गया है। चारमंजिला संसद भवन में 1272 सांसदों के बैठने की व्यवस्था की गई है। संसद के वर्तमान भवन में लोकसभा में 550, जबकि राज्यसभा में 250 माननीय सदस्यों की बैठक की...