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नई संसद से आईआईटी तक फैल रहा वास्तुशास्त्र

नई संसद से आईआईटी तक फैल रहा वास्तुशास्त्र

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- आर.के. सिन्हा देश को मिली नई संसद की इमारत का निर्माण वास्तुशास्त्र के अनुसार होने से यह स्पष्ट है कि अब भारत में वास्तुशास्त्र के नियमों और निर्देशों के अनुसार ही बड़े भवनों से लेकर पार्कों तक का निर्माण होगा। वास्तुशास्त्र को आईआईटी जैसे अति महत्वपूर्ण शिक्षण संस्थानों में भी स्वीकार्यता मिल रही है। आईआईटी, खड़कपुर में वास्तु शास्त्र को पढ़ाने का फैसला लिया गया है। ऐसा विश्वास किया जाता है कि वास्तुशास्त्र के अनुसार बनने वाली इमारतें किसी अप्रिय प्राकृतिक घटना से बचाती हैं। नई संसद या नई दिल्ली के सेंट्रल विस्टा क्षेत्र में नए सिरे से बनने वाली तमाम इमारतों में वास्तुशास्त्र के मूल बिन्दुओं का पालन करते हुए निर्माण कार्यों का होना सुखद है। यह सर्वविदित है कि वास्तुशास्त्र अति प्राचीन भारतीय विज्ञान है। वास्तुशास्त्र के अंर्तगत चार मूल दिशाओं और दस कोणों का ध्यान रखा जाता है। वास्तुशा...
नई चेतना का भारत

नई चेतना का भारत

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- डॉ. दिलीप अग्निहोत्री नई संसद का निर्माण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इच्छाशक्ति से सम्भव हुआ। अन्यथा विपक्षी पार्टियों ने इसे बाधित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उस समय परिस्थितियां अत्यंत प्रतिकूल थीं। कोरोना आपदा का समय था। वैसे संसद के नए भवन का निर्माण यूपीए सरकार के समय होना अपेक्षित था। लेकिन उस सरकार ने इसमें कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। जब नरेन्द्र मोदी ने सेंट्रल विस्टा के निर्माण का निर्णय लिया, तब यूपीए के वही लोग हमलावर हो गए। कोरोना संकट की दुहाई दी। इसके मूल में विचार यह था कि नई संसद के निर्माण का श्रेय नरेन्द्र मोदी को नहीं मिलना चाहिए। लेकिन मोदी दृढ़ निश्चय कर चुके थे। दिल्ली की केजरीवाल सरकार मजदूरों को बाहर निकालने का काम कर रही थी। सेंट्रल विस्टा निर्माण में मोदी सरकार ने तीस हजार श्रमिकों को उस समय आजीविका प्रदान की। प्रधानमंत्री मोदी ने नई संसद में कहा भी की वह समय ...
गौरवशाली अतीत की अभिव्यक्ति

गौरवशाली अतीत की अभिव्यक्ति

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- डॉ. दिलीप अग्निहोत्री राष्ट्रीय गौरव के विषयों पर राष्ट्रीय सहमति दिखनी चाहिए अन्यथा देश विरोधी तत्वों को अनावश्यक प्रतिक्रिया देने का अवसर मिलता है। नए संसद भवन के उद्घाटन पर भी विपक्षी नेताओं ने ऐसी ही मानसिकता दिखाई। पुराना संसद भवन ब्रिटिश शासन द्वारा बनाया गया था। नई संसद आत्मनिर्भर भारत की प्रतीक है लेकिन विपक्ष ने अपनी राजनीति को ही महत्व दिया। उन्होंने राष्ट्रीय गौरव के समारोह का बहिष्कार किया। इतना ही नहीं राहुल गांधी ने अमेरिका जाकर नए संसद भवन की आलोचना की। उनका कहना था कि समस्याओं से ध्यान हटाने के लिए सरकार ने यह कार्य किया। इस प्रकार विपक्ष ने यहां निर्मिति भारत के गौरवशाली अतीत की कलाकृतियों का भी बहिष्कार किया। इससे पाकिस्तान जैसे देशों का मनोबल बढ़ा। उन्होंने यहां निर्मित अखंड भारत के भित्तिचित्र की निंदा की। इसे भारत की विस्तारवादी मानसिकता मान रहे हैं और इससे भविष्य क...
नई संसदः सर्वधर्म प्रार्थना का संदेश जाएगा दूर तक

नई संसदः सर्वधर्म प्रार्थना का संदेश जाएगा दूर तक

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- आर.के. सिन्हा देश को एक नई, भव्य और गरिमामय संसद की इमारत मिल गई। इसका प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उदघाटन किया। लेकिन, इस बात का दुःख भी होता है पूर्व प्रधानमंत्रियों ने अंग्रेजों की गुलामी के इस संसद को बदलने की जरूरत है, इसपर सोचा तक नहीं, ऐसा क्यों ? उनके उद्घाटन करने से पहले सर्वधर्म प्रार्थना सभा आयोजित हुई। यह भारत ही है जहां पर सर्वधर्म प्रार्थना सभा के विचार को आत्मसात किया गया है। महात्मा गांधी ने अपनी सभाओं में सर्वधर्म प्रार्थना सभाओं का श्रीगणेश करवाया था। नई संसद के उद्घाटन से पूर्व भारत के सभी प्रमुख धर्मों के विद्वानों ने अपने-अपने धर्मों की पवित्र पुस्तकों के कुछ अंशों को पढ़ा। जिसने भी नई संसद परिसर में प्रार्थना सभा के कार्यक्रम को देखा तो उसका ह्रदय गदगद हो गया। हिन्दू धर्म के विद्वान डॉ. बलदेव आनंद सागर ने गीता के 5-6 श्लोकों को भी पढ़ा । वे गांधी जयंती पर होने वाल...