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ब्रिटेन में नई सरकार के कार्यभार संभालने के बाद एफटीए पर प्रगति संभव : गोयल

ब्रिटेन में नई सरकार के कार्यभार संभालने के बाद एफटीए पर प्रगति संभव : गोयल

देश, बिज़नेस
नई दिल्ली (New Delhi)। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Union Commerce and Industry Minister Piyush Goyal) ने शनिवार को उम्मीद जताई कि ब्रिटेन (Britain) में नई सरकार (New government) के कार्यभार संभालने के बाद उसके साथ प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) (Free Trade Agreements (FTAs).) पर बातचीत आगे बढ़ेगी। दरअसल ब्रिटेन में चार जुलाई को आम चुनाव होने हैं। गोयल ने यहां एक आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने के बाद प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि ब्रिटेन में चुनाव परिणाम चाहे जो भी हों, हम आशा करते हैं कि नई सरकार आने के बाद दोनों देशों के बीच एफटीए पर प्रगति होगी। इससे पहले वाणिज्य मंत्री ने कहा कि चालु वित्त वर्ष 2024-25 में वस्तुओं, सेवाओं का निर्यात 800 अरब डॉलर से अधिक होने का भरोसा है। गोयल ने कहा कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद चालू वित्त वर्ष में भारत का वस्तुओं और...
नेपाल में अस्थिरता का नया दौर

नेपाल में अस्थिरता का नया दौर

अवर्गीकृत
- डॉ. वेदप्रताप वैदिक नेपाल में नई सरकार को बने मुश्किल से दो माह ही हुए हैं और वहां के सत्तारूढ़ गठबंधन में जबरदस्त उठापटक हो गई है। उठापटक भी जो हुई है, वह दो कम्युनिस्ट पार्टियों के बीच हुई है। ये दोनों कम्युनिस्ट पार्टियां नेपाल में राज कर चुकी हैं। दोनों के नेता अपने आप को तीसमार खां समझते हैं। हालांकि पिछले चुनाव में ये दोनों कम्युनिस्ट पार्टियां नेपाली कांग्रेस के मुकाबले फिसड्डी साबित हुई हैं। नेपाली कांग्रेस को पिछले चुनाव में 89 सीटें मिली थीं. जबकि पुष्पकमल दहल प्रचंड की कम्युनिस्ट पार्टी को सिर्फ 32 और के.पी. ओली की माओवादी कम्युनिस्ट पार्टी को 78 सीटें मिली थीं। दोनों कम्युनिस्ट पार्टियों ने कुछ और छोटी-मोटी पार्टियों को अपने साथ जोड़कर भानमती का कुनबा खड़ा कर लिया। शेर बहादुर देउबा की नेपाली कांग्रेस धरी रह गई लेकिन पिछले दो माह में ही दोनों कम्युनिस्ट पार्टियों में इतने मतभेद...
नेपाल में नई सरकार

नेपाल में नई सरकार

अवर्गीकृत
- डॉ. वेदप्रताप वैदिक नेपाल में हुए आम चुनाव में जिन सत्तारूढ़ पार्टियां ने पहले से गठबंधन सरकार बनाई हुई थी, वे फिर से जीत गई हैं। उन्हें 165 में से 90 सीटें मिल गई हैं। अब नेपाली कांग्रेस के नेता शेर बहादुर देउबा फिर प्रधानमंत्री बन जाएंगे। हालांकि उनकी पार्टी को 57 सीटें मिली हैं और प्रंचड की कम्युनिस्ट पार्टी को सिर्फ 18 सीटें मिली हैं लेकिन जहां तक वोटों का सवाल है, प्रचंड की पार्टी को 27,91,734 वोट मिले हैं जबकि नेपाली कांग्रेस को सिर्फ 26,66,262 वोट ही मिल पाए। इसका अर्थ क्या हुआ? अब कम्युनिस्ट पार्टी का असर ज्यादा मजबूत रहेगा। अब देउबा की सरकार में कम्युनिस्ट पार्टी का सिक्का जरा तेज दौड़ेगा। देउबा प्रधानमंत्री तो दुबारा बन जाएंगे लेकिन उन्हें अब उन कम्युनिस्टों की बात पर ज्यादा ध्यान देना होगा, जो कभी नेपाली कांग्रेस के कट्टर विरोधी रह चुके हैं। उन्होंने अपनी बगावत के दौरान नेपाल...