Friday, November 22"खबर जो असर करे"

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उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में विकास की नई सुबह

उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में विकास की नई सुबह

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- जी. किशन रेड्डी उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के राज्यों के अनूठे एवं खूबसूरत पहाड़ों व घाटियों में बदलाव की बयार बह रही है। दस वर्षों के अथक प्रयासों के बाद यहां शांति और विकास का एक नया युग शुरू हुआ है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इन आठ राज्यों को भारत की ‘अष्टलक्ष्मी’, विकास और समृद्धि का अग्रदूत कहा, तो पहली बार इनकी अंतर्निहित क्षमताओं को स्वीकार किया गया। इस क्षेत्र में तेज गति से स्थापित हो रहे सड़क, रेल और हवाई कनेक्टिविटी के जरिए इतिहास रचा जा रहा है। जहां तक गुणवत्ता का प्रश्न है, तो ये अवसंरचनाएं शेष भारत में उपलब्ध विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे जैसी ही हैं। यहां का युवा अब बंद, चक्काजाम और हड़ताल से परेशान नहीं हैं। अब उनके सपने पहले से कहीं ज्यादा सच हो रहे हैं। व्यापार को आसान बनाया गया है और पर्यटकों के लिए आकर्षण के नए केन्द्र बनाए गए हैं। यह सब बेहतर कनेक्टिविटी के कारण संभव हु...
नया संसद भवन, नया भारत, नया सवेरा

नया संसद भवन, नया भारत, नया सवेरा

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- हृदयनारायण दीक्षित भारत का मन उल्लास से भरा पूरा है। 28 मई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नए संसद भवन का लोकार्पण करेंगे। यह इतिहास का स्वर्णिम अध्याय होगा। लेकिन भारतीय स्वाभिमान के इस अवसर पर भी लगभग डेढ़ दर्जन राजनीतिक दल कार्यक्रम का बहिष्कार कर रहे हैं। वे राष्ट्रीय महत्व के इस अवसर पर भी अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं। गृहमंत्री अमित शाह ने इसे ओछी राजनीति बताया और कहा है कि, 'नया संसद भवन देश की सांस्कृतिक विरासत परंपरा व सभ्यता को आधुनिकता से जोड़ने का सुन्दर प्रयास है। इस ऐतिहासिक समारोह के साक्षी बनने के लिए सबको निमंत्रित किया गया है कि इस कार्यक्रम में सब लोग हिस्सा लें।' उन्होंने कहा है कि इस कार्यक्रम को राजनीति से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। यह भारतीय परम्पराओं व आधुनिकता से जुड़ने का महान क्षण है। इस स्थान का इतिहास भी महत्वपूर्ण है। दिल्ली कई सदियों से सत्ता का प्रमु...

कश्मीर में जम्हूरियत की नई भोर

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- प्रो. श्याम सुंदर भाटिया केंद्र सरकार ने जम्मू -कश्मीर के लाखों गैर कश्मीरियों को अमृत महोत्सव का अनमोल तोहफा दिया है। अनुच्छेद 370 और 35ए की विदाई के बाद लोकतांत्रिक तौर पर बड़ा क्रांतिकारी बदलाव होने जा रहा है। केंद्र शासित इस सूबे में परिसीमन के बाद नॉन कश्मीरियों को वोटिंग का हक मिलने जा रहा है। नए वोटर्स लिस्टेड होने के बाद घाटी में तकरीबन 25 लाख मतदाताओं का इजाफा हो जाएगा। मौजूदा वोटर्स में करीब एक तिहाई मतदाता और बढ़ जाएंगे। वोटर्स का यह आंकड़ा करीब एक करोड़ या इससे से अधिक हो जाएगा। नए चुनाव के बाद केंद्र शासित सूबे की सियासी तस्वीर बिल्कुल जुदा होने का अनुमान है, लेकिन गैर कश्मीरियों को वोटिंग देने का अधिकार इस सूबे के सियासीदानों को एकदम हजम नहीं हो रहा है। प्रमुख दलों के नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद लद्दाख अब इस केंद्र शासित प्रदेश में होन...