गर्भपात और महिला अधिकार
- डॉ. वेदप्रताप वैदिक
सुप्रीम कोर्ट ने भारत की महिलाओं के अधिकारों के इतिहास में नया अध्याय जोड़ दिया है। उसने अपने ताजातरीन फैसले में सभी महिलाओं को गर्भपात का अधिकार दे दिया है, वे चाहे विवाहित हों या अविवाहित हों। भारत में चले आ रहे पारंपरिक कानून में केवल विवाहित महिलाओं को ही गर्भपात का अधिकार था। वे गर्भ धारण के 20 से 24 हफ्ते में अपना गर्भपात करवा सकती थीं लेकिन ऐसी महिलाएं, जो अविवाहित हों और जिनके साथ बलात्कार हुआ हो या जो जान-बूझकर या अनजाने ही गर्भवती हो गई हों, उन्हें गर्भपात का अधिकार अब तक नहीं था। उसका नतीजा क्या होता रहा?
ऐसी औरतें या तो आत्महत्या कर लेती हैं, या छिपा-छिपाकर घर में ही किसी तरह गर्भपात की कोशिश करती हैं या नीम-हकीमों और डाॅक्टरों को पैसे खिलाकर गुपचुप गर्भमुक्त होने की कोशिश करती हैं। इन्हीं हरकतों के कारण भारत में 8 प्रतिशत गर्भवती औरतें रोज मर जाती हैं। ल...