Friday, November 22"खबर जो असर करे"

Tag: necessary

अंधाधुंध शहरीकरण से उपजी समस्याओं का निदान जरूरी

अंधाधुंध शहरीकरण से उपजी समस्याओं का निदान जरूरी

अवर्गीकृत
- दीपक कुमार त्यागी भारत में पिछले कुछ दशकों में ग्रामीण क्षेत्रों से तेजी के साथ शहरों की तरफ बड़ी आबादी का पलायन हुआ है, जिसके चलते देश में जगह-जगह अंधाधुंध अव्यवस्थित शहरीकरण हुआ है। हालांकि किसी क्षेत्र को शहरी क्षेत्र माने जाने के लिए कुछ आवश्यक मानदंड हैं, जिनके अनुसार उस क्षेत्र में 5000 या इससे अधिक व्यक्तियों की आबादी का निवास करना जरूरी है, वहां की 75 फीसदी आबादी गैर-कृषि व्यवसाय करती हो, वहीं इस क्षेत्र का जनसंख्या घनत्व भी 400 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर होना चाहिए। शहरी क्षेत्र के लिए कुछ अन्य विशेषताएँ भी होती हैं, जिसमें उस क्षेत्र में उद्योग-धंधे, व्यवस्थित आवासीय क्षेत्र, सुनियोजित ढंग से बिजली-पानी, सीवरेज की व्यवस्था और सार्वजनिक परिवहन जैसी मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था होती है, ऐसे आबादी वाले क्षेत्र को ही शहर के अंतर्गत मानते हैं। इन सुविधाओं से आकर्षित होकर व ग्रामीण...
स्त्रियों के लिए समान दृष्टिकोण जरूरी: नमिता गोखले

स्त्रियों के लिए समान दृष्टिकोण जरूरी: नमिता गोखले

देश, मध्य प्रदेश
- अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव 'उन्मेष' का समापन, अंतिम दिन 23 कार्यक्रमों में 160 साहित्यकारों ने लिया भाग भोपाल (Bhopal)। प्रख्यात लेखिका और प्रकाशक नमिता गोखले (Namita Gokhale) ने कहा कि सही मायने में नारीवाद का मतलब (meaning of feminism) सभी के लिए समान दृष्टि (common vision for all) होना है। उन्होंने प्राचीन काल से महिलाओं द्वारा लिखे साहित्य की चर्चा करते हुए कहा कि लेखन की परंपरा (tradition of writing) आज भी जारी है। वक्ता सी. मृणालिनी ने नारी साहित्य की उपयोगिता को रेखांकित करते हुए कहा कि इस साहित्य ने नारी स्वतंत्रता के नए द्वार खोले हैं। नमिता गोखले राजधानी भोपाल में आयोजित चार दिवसीय एशिया के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव 'उन्मेष' के अंतिम दिन नारीवाद और साहित्य विषय पर महत्वपूर्ण सत्र की अध्यक्षता करते हुए संबोधित कर रही थीं। रविवार को इस उत्सव में अंतिम दिन कुल 2...
सड़क निर्माण में पर्यावरण मित्र समझ जरूरी

सड़क निर्माण में पर्यावरण मित्र समझ जरूरी

अवर्गीकृत
- कुलभूषण उपमन्यु इस साल जुलाई के दूसरे सप्ताह में ब्यास घाटी में आई भयानक बाढ़ ने पूरे प्रदेश को हिला दिया। हजारों करोड़ रुपये की आर्थिक हानि के साथ 100 से ज्यादा निरपराध लोग काल का ग्रास बन गए। आवागमन के साधनों के चौपट हो जाने और आसन्न खतरे की चिंताओं ने जन सामान्य के जीवन को सदमे जैसी स्थिति में ला खड़ा कर दिया। सैकड़ों आशियाने ध्वस्त हो गए। इस विभीषिका को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग उठी। केन्द्रीय सड़क एवं परिवहनमंत्री नितिन गडकरी हिमाचल प्रदेश में हुई तबाही का जायजा लेने ब्यास घाटी के दौरे पर आए। उनसे प्रदेश की जनता को बहुत उम्मीद थी कि वे अवश्य पूरी परिस्थिति का आकलन करने की दिशा में कोई सार्थक कदम उठाने की पहल करेंगे जिससे हिमालय क्षेत्र में सड़क निर्माण में पर्यावरण मित्र समझ का समावेश हो सकेगा ताकि आगे चल कर हिमालयी क्षेत्रों में अवैज्ञानिक रूप से बनाई जा रही सड़कों को उपयुक्त तक...
राष्ट्रीय एकता के लिए एक समान कानून जरूरी

राष्ट्रीय एकता के लिए एक समान कानून जरूरी

अवर्गीकृत
- हृदयनारायण दीक्षित समान नागरिक संहिता अपरिहार्य है। यह राष्ट्र राज्य का संवैधानिक कर्तव्य है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे आवश्यक बताया है। मोदी ने समान नागरिक संहिता को राष्ट्र की जरूरत बताते हुए कहा कि, इसके नाम पर कुछ दल मुस्लिमों को भड़का रहे हैं। उन्होंने इसके विरोध पर सवाल उठाते हुए कहा कि, एक घर एक परिवार में प्रत्येक सदस्य के लिए अलग अलग कानून हों तो वह परिवार कैसे चल पाएगा? उन्होंने याद दिलाया कि `सर्वोच्च न्यायालय ने भी समान नागरिक संहिता लागू करने की बात की थी। लेकिन वोटबैंक राजनीति करने वाले इसका विरोध कर रहे हैं।' आखिरकार विश्वास आधारित सांप्रदायिक समूहों के लिए अलग अलग कानून कैसे हो सकते हैं। संविधान निर्माताओं ने प्रत्येक नागरिक के लिए एक समान नागरिक संहिता प्राप्त करने का कर्तव्य (अनुच्छेद 44) राष्ट्र राज्य को सौंपा है। समान सिविल संहिता राष्ट्रीय एकता के लिए भी अनिव...
पंजाब में आईएसआई का फन कुचलना जरूरी

पंजाब में आईएसआई का फन कुचलना जरूरी

अवर्गीकृत
- डॉ. अनिल कुमार निगम पाकिस्तान भारत में येन केन प्रकारेण अशांति फैलाना चाहता है। जम्मू-कश्मीर में औंधे मुंह गिरने के बाद वह हार मारने को तैयार नहीं है। अब उसने पंजाब में आतंकवाद के माध्यम से अप्रत्यक्ष युद्ध छेड़ दिया है। खालिस्तानी समर्थक रहे जसवंत सिंह ठेकेदार का दावा बेहद अहम है। ठेकेदार ने पूरे भरोसे के साथ कहा है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई पंजाब में सिखों को टूल की तरह इस्तेमाल कर रही है। पंजाब में आज जो कुछ भी हो रहा है, राज्य सरकार उससे निपटने में सक्षम नहीं है। जसवंत सिंह के इस बयान में तीन पहलू निहित हैं जिन पर गंभीर चिंतन आवश्यक है। पहला यह कि पाकिस्तान इस आंदोलन को हवा दे रहा है। दूसरा, पाकिस्तान सिखों का इस्तेमाल टूल किट की तरह कर रहा है और तीसरा अहम बिंदु यह है कि पंजाब की सरकार इससे निपटने में नकारा है। जसवंत सिंह ठेकेदार वही शख्स है जो लंदन में एक अलगाववादी गुट ...
भारतीय विदेश नीति में आक्रामकता जरूरी!

भारतीय विदेश नीति में आक्रामकता जरूरी!

अवर्गीकृत
- डॉ. अनिल कुमार निगम विदेश में खालिस्तान समर्थित समूहों की बढ़ती गतिविधियां भारत की एकता, अखंडता और शांति व्यवस्था के लिए संकट बनती जा रही हैं। अमेरिका और ब्रिटेन के बाद कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में पाकिस्तान समर्थित खालिस्तान समूहों द्वारा भारत के खिलाफ षड़यंत्र तेज हो गया है। ऑस्ट्रेलिया में जिस तरीके से खालिस्तान समर्थकों ने भारतीयों पर हमला किया और राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया, वह हर भारतीय की आन, बान और शान पर न केवल हमला है बल्कि यह भारत की अस्मिता पर आघात है। दिल्ली में सिख फॉर जस्टिस रेफरेंडम 2020 और खालिस्तान के देश विरोधी स्लोगन लगाने के मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने देश विरोधी गतिविधियों में शामिल कुछ संदिग्धों की पहचान भी की है। लेकिन सुरसा की मुंह की तरह बढ़ रही इस समस्या के प्रति केंद्र सरकार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक गंभीर और आक्रामक होने की आवश्यकता है। विदित ह...
भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए विज्ञान को जन-जन तक पहुंचाना आवश्यकः सखलेचा

भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए विज्ञान को जन-जन तक पहुंचाना आवश्यकः सखलेचा

देश, मध्य प्रदेश
- 8वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव का ब्रोशर लॉन्च भोपाल (Bhopal)। भारत (India) को विश्व गुरु (Vishwa Guru) बनाने के लिए विज्ञान को जन-जन तक पहुंचाना आवश्यक है। भारत सरकार (Indian government) ने जिस विश्वास के साथ मध्यप्रदेश को आठवें भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) (Eighth India International Science Festival (IISF)) के आयोजन की जिम्मेदारी सौंपी हैं, हम उसका निर्वहन पूरी निष्ठा के साथ करेंगे। यह बात प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने शुक्रवार को मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद मेपकास्ट में आठवें भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव के "कर्टेन रेजर" कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। इस मौके पर मंत्री सकलेचा ने विज्ञान महोत्सव का ब्रोशर लॉन्च भी किया। विदेश में प्रमुख पदों पर कार्यरत हैं भारतीय सखलेचा ने कहा कि प्रवासी भारतीय ...
इसरो चीफ ने कहा- इंसान हमेशा धरती पर नहीं रहेगा, विलुप्त हो जाएगा, इसलिए गगनयान जरूरी

इसरो चीफ ने कहा- इंसान हमेशा धरती पर नहीं रहेगा, विलुप्त हो जाएगा, इसलिए गगनयान जरूरी

देश
बेंगलुरु । भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) प्रमुख डॉ. एस. सोमनाथ (Dr. S. Somnath) ने कहा लोग पूछते हैं कि इंसानों को अंतरिक्ष (space) में भेजने की क्या जरूरत है? धरती (Earth) है तो सही जगह रहने के लिए. फिर अंतरिक्ष यात्राएं क्यों? इसका बड़ा ही शानदार जवाब देते हुए इसरो चीफ सोमनाथ ने कहा कि डायनासोर की तरह एक दिन इंसान भी धरती से खत्म हो जाएगा. इसके लिए या तो वह खुद जिम्मेदार होगा, या प्रकृति या फिर अंतरिक्ष से आने वाले एस्टेरॉयड्स (Asteroids). इसरो चीफ ने बताया कि चंद्रमा और मंगल पर लगातार एस्टेरॉयड्स की बमबारी होती रहती है. क्योंकि उन्हें बचाने के लिए वहां कोई वायुमंडल नहीं है. धरती के पास वायुमंडल है इसलिए आप एस्टेरॉयड्स के हमले से बच जाते हैं. इंसान धरती पर हमेशा तो रहने वाले हैं नहीं. डायनासोर मारे गए क्योंकि वो बुद्धिमान नहीं थे. इंसान हैं. इसके बावजूद इंसानों की जिंदगी धरती पर...