Saturday, November 23"खबर जो असर करे"

Tag: natural departure

जातियों की स्वाभाविक विदाई शुभ संकेत

जातियों की स्वाभाविक विदाई शुभ संकेत

अवर्गीकृत
- हृदयनारायण दीक्षित जाति खासी चर्चा में है। डॉ. लोहिया और डॉ. अंबेडकर सहित अनेक चिंतकों ने भारत की जातीय संरचना को राष्ट्रीय एकता के विरुद्ध बताया है। डॉ. लोहिया ने जाति तोड़ो का नारा भी दिया था। डॉ. अंबेडकर ने भी जाति के समूल नाश का ध्येय लेकर लगातार काम किया था। जाति खात्मा सभी महान नेताओं का स्वप्न रहा है। लेकिन जाति की अस्मिता बढ़ाने का गलत काम जारी है। जाति की कोई संवैधानिक परिभाषा नहीं है। बेशक भारत में सैकड़ों जातियां हैं। जाति का अस्तित्व है। जाति की राजनीति है। जातियां राष्ट्रीय एकता में बाधक रही हैं। मूलभूत प्रश्न है कि आखिर जातियां हैं क्या? फ्रांसीसी विद्वान सेनार्ट के अनुसार ये एक निकाय जैसी हैं। अनुवांशिकता से प्रतिबद्ध है। कतिपय उत्सवों के अवसर पर इनके लोग इकट्ठे होते हैं। समान धंधों व्यवसायों के कारण आपस में जुड़े रहते हैं। कुछ जातियों में परंपरागत जाति मनवाने के लिए जातिव...