ओम बिरला : सामाजिक कार्यकर्ता कैसे बना राष्ट्रीय राजनीति का सितारा
- प्रो.संजय द्विवेदी
ओम बिरला में ऐसा क्या है जो उन्हें लगातार दूसरी बार लोकसभा के अध्यक्ष जैसी बड़ी जिम्मेदारी पर पहुंचाता है। अपने कोटा शहर में जरूरतमंद लोगों को कपड़े, दवाएं, भोजन पहुंचाते-पहुंचाते बिरला कब राष्ट्रीय राजनीति के सितारे बन गए, यह एक अद्भुत कहानी है। प्रधानमंत्री ने सदन में उनके द्वारा चलाए जा रहे अनेक सामाजिक कार्यों की चर्चा की। उनकी सरलता,सहजता और सदन चलाने की उनकी क्षमताएं प्रमाणित हैं। अब जब वे ध्वनिमत से लोकसभा के अध्यक्ष चुने जा चुके हैं, तब उन पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी आन पड़ी है। यह भी शुभ रहा कि कांग्रेस ने प्रारंभिक चर्चाओं के बाद भी मत विभाजन की मांग नहीं की और उनका चयन सर्वसम्मत से हुआ। इससे संसद की गरिमा बनी और परंपराओं का पालन हुआ है। उम्मीद की जानी चाहिए आने वाले समय में लोकसभा ज्यादा बेहतर तरीके से अपने कामों को अंजाम दे सकेगी।
बलराम जाखड़ के बाद वे दू...