राष्ट्रीय बजट में शिक्षा को वरीयता मिले
- गिरीश्वर मिश्र
शिक्षा की बहुआयामी और बहुक्षेत्रीय भूमिका से शायद ही किसी की असहमति हो । यह मानव निर्मित सबसे प्रभावी और प्राचीनतम हस्तक्षेप है जो जीवन और जगत को बदलता चला आ रहा है । समाज के अस्तित्व, संरक्षण और संवर्धन के लिए शिक्षा जैसा कोई सुनियोजित उपाय नहीं है । इसीलिए हर देश में शिक्षा में निवेश वहां की अर्थव्यवस्था का एक मुख्य मद हुआ करता है । आज ज्ञान -विज्ञान और प्रौद्योगिकी की दृष्टि से विश्व में अग्रणी राष्ट्र अपनी शिक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान दे रहे हैं । वे शिक्षा की गुणवत्ता को समृद्ध करने के लिए लगातार सक्रिय रहते हैं और शिक्षा की तकनीकी को उन्नत करते रहते हैं । देश, काल और परिस्थिति की बनती-बिगड़ती मर्यादाओं को ध्यान में रखते हुए शिक्षा के कलेवर में बदलाव उनके लिए एक स्वाभाविक प्रक्रिया है । साथ ही शिक्षा की सुविधा और प्रक्रिया पूरे समाज के लिए लगभग एक जैसी व्यवस्था स...