Friday, November 22"खबर जो असर करे"

Tag: Nation

राष्ट्र और नेशन में फर्क समझिए

राष्ट्र और नेशन में फर्क समझिए

अवर्गीकृत
- हृदयनारायण दीक्षित हिन्दू राष्ट्र सम्प्रति चर्चा में है। भारत विश्व का पहला राष्ट्र है। यूरोप के देशों में ‘नेशन’ और नेशनेलिटी का जन्म 9वी-10वीं सदी में हुआ। भारत में राष्ट्रभाव का उदय ऋग्वेद के रचनाकाल से भी प्राचीन हो सकता है। ऋग्वेद में ‘राष्ट्र’ शब्द का कई बार उल्लेख हुआ है। राष्ट्र के लिए अंग्रेजी में कोई समानार्थी शब्द नहीं है। राष्ट्र की अवधारणा भिन्न है और नेशन की बिल्कुल भिन्न। राष्ट्र और नेशन एक नहीं हैं। इतिहास के मध्यकाल तक पश्चिम में नेशलिज्म या राष्ट्रवाद जैसा कोई विचार नहीं था। ऋग्वेद (8.24.27) में मंत्र है कि “इन्द्र ने सप्तसिन्धुषु में जल प्रवाहित किया।” सप्त सिंधु 7 नदियों के प्रवाह वाला विशेष भूखण्ड है। इसकी पहचान 7 नदियों से होती है। वैदिक साहित्य के विवेचक मैक्डनल और कीथ ने लिखा है कि “यहां एक सुनिश्चित देश का नाम लिया गया है।” पुसाल्कर ने नदी नामों के आधार पर इस...
राष्ट्र की सांस्कृतिक पहचान और विक्रमी संवत

राष्ट्र की सांस्कृतिक पहचान और विक्रमी संवत

अवर्गीकृत
- सुरेश हिन्दुस्थानी वर्तमान भारत में जिस प्रकार से सांस्कृतिक मूल्यों का क्षरण हुआ है, उसके चलते हमारी परंपराओं पर भी गहरा आघात हुआ है। यह सब भारतीय संस्कृति के प्रति कुटिल मानसिकता के चलते ही किया गया। आज भारत के कई लोग इस तथ्य से अवगत नहीं हैं कि भारतीय संस्कृति क्या है, हमारे संस्कार क्या हैं? लेकिन अच्छी बात यह है कि कोई भी शुभ कार्य करने के लिए आज भी समाज का हर वर्ग भारतीय कालगणना का ही सहारा लेता है। चाहे वह गृह प्रवेश का कार्यक्रम हो या फिर वैवाहिक कार्यक्रम। हम भारतीय पंचांग का सहयोग ही लेते हैं। इसी प्रकार हमारे त्योहार भी प्राकृतिक और गृह नक्षत्रों पर ही आधारित होते हैं। इसलिए यह कहा जा सकता है कि वर्ष प्रतिपदा पूर्णत: वैज्ञानिक और प्राकृतिक नव वर्ष है। कहा जाता है कि जो देश प्रकृति के अनुसार चलता है, प्रकृति उसकी रक्षा करती है। वर्तमान में जिस प्रकार से विश्व के अनेक हिस्सों ...
प्रधानमंत्री आज उज्जैन में रहेंगे साढ़े तीन घंटे, राष्ट्र को समर्पित करेंगे ‘श्री महाकाल लोक’

प्रधानमंत्री आज उज्जैन में रहेंगे साढ़े तीन घंटे, राष्ट्र को समर्पित करेंगे ‘श्री महाकाल लोक’

देश, मध्य प्रदेश
-महाकाल की नगरी में सायंकाल 5 से रात्रि 8:30 बजे तक रहेंगे प्रधानमंत्री मोदी भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) मंगलवार को एक दिवसीय प्रवास पर उज्जैन (Ujjain) आएंगे। वे यहां साढ़े तीन घंटे रहेंगे। इस दौरान वे विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकाल (Jyotirlinga Lord Mahakal) के आंगन में नवनिर्मित ‘श्री महाकाल लोक’ ('Shri Mahakal Lok') राष्ट्र को समर्पित करेंगे। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी भारतीय वायुसेना के विमान से दोपहर 3:35 बजे अहमदाबाद एयरपोर्ट से रवाना होकर सायं 4:30 बजे इंदौर एयरपोर्ट पहुंचेंगे और वहां से सायंकाल 5 बजे उज्जैन हेलीपेड आएंगे। प्रधानमंत्री मोदी सायंकाल 5:25 बजे श्री महाकालेश्वर मंदिर आगमन के बाद महाकालेश्वर के दर्शन कर पूजा-अर्चना करेंगे। प्रधानमंत्री सायंकाल 6:25 से 7:05 बजे तक ‘श्री महाकाल लोक’ राष्ट्र को समर्पित क...

राष्ट्र की शान, खुशहाल किसान

अवर्गीकृत
- डॉ. दिलीप अग्निहोत्री भारत कृषि पालन देश के रूप में विख्यात रहा है। कृषि अपने में अकेला क्षेत्र नहीं है। इसमें पशुपालन और कुटीर उद्योग पूरक के रूप में शामिल होते हैं। तीनों में कभी कोई भी पक्ष कमजोर हुआ तो दूसरे उसकी भरपाई के विकल्प रहते थे। इनसे आय, स्वरोजगार और सुपोषण स्वाभाविक रूप से उपलब्ध रहता था। यही कारण था कि ब्रिटिश काल की शुरुआत तक भारत के सभी गांव आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर और स्वावलंबी थे। भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था। अंग्रेजों ने भारत के आर्थिक शोषण की कार्ययोजना बनाई। फिर कुटीर उद्योगों को नष्ट किया। इसका मकसद था कि ब्रिटेन के उत्पाद को भारत में बेचना सम्भव हो सके। कृषि पर लगान में वृद्धि होती रही। इससे किसानों की आय कम हुई। ब्रिटिश शासक अपनी सरकारी मशीनरी और सेना का पूरा खर्च भारतीय संसाधनों से पूरा करने लगे। स्वतंत्रता के बाद कृषि पशुपालन और स्थानीय उद्योगों पर नए ...